Edited By suman, Updated: 07 Feb, 2019 10:09 AM
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सांसद ज्योति धुर्वे बड़ा झटका लगा है। जाति प्रमाण पत्र की जांच करने वाली छानबीन समिति अपने पुराने फैसले को बरकरार रखते हुए के बार फिर जाति प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया है। समिति ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद यह...
भोपाल: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सांसद ज्योति धुर्वे बड़ा झटका लगा है। जाति प्रमाण पत्र की जांच करने वाली छानबीन समिति ने अपने पुराने फैसले को बरकरार रखते हुए के बार फिर जाति प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया है। समिति ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।
प्रमाण पत्र को लेकर 10 साल से विवाद
बता दें सांसद ज्योति धुर्वे अनुसूचित जनजात सीट बैतूल से दूसरी बार सांसद हैं। धुर्वे की जाति को लेकर पिछले दस साल से विवाद की स्थिति चल रही है। हाई पॉवर छानबीन समिति ने तीन मई को निर्णय में जाति प्रमाण पत्र निरस्ती के आदेश दिए थे। इस पर सांसद ने पुनर्विचार याचिका दायर कर दी थी, जिस पर भाजपा सरकार के दौरान दो बार सुनवाई टाल दी गई। इस बीच प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही धुर्वे की जाति प्रमाण पत्र का जिन्न फिर बोतल से बाहर आ गया।
मुख्यमंत्री ने तलब की थी जानकारी
सुत्रों के अनुसार, इस बहुचर्चित मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्य सचिव एसआर मोहंती से जानकारी तलब की थी। इसके बाद दो टीमें रायपुर, बैतूल और बालाघाट रवाना कर दी गईं। एक दिन पूर्व ही समिति के जांच अधिकारी सांसद ज्योति धुर्वे की माताजी और पिताजी से पूछताछ के बाद उनके बयान भी दर्ज करके लाए थे। छानबीन समिति ने एक बार फिर नए सिरे से जांच के बाद यह फैसला सुना दिया।