Edited By Prashar, Updated: 12 Jul, 2018 01:18 PM
न्यायिक अधिकारियों के लिए सातवें वेतनमान में पेंच फंसा हुआ है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में एक मामले में इस बात का खुलासा हुआ है। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी।
जबलपुर : न्यायिक अधिकारियों के लिए सातवें वेतनमान में पेंच फंसा हुआ है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में एक मामले में इस बात का खुलासा हुआ है। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें राज्य सरकार से पूछा गया कि हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जजों और स्वर्गीय जजों की पत्नियों को सातवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन क्यों नहीं दी जा रही है?
प्रदेश सरकार ने रिटायर्ड हाईकोर्ट जजों को सातवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन का भुगतान करने के मामले में अपना जवाब दे दिया है। राज्य सरकार की तरफ से बताया गया है कि इस मुद्दे पर तेजी से प्रक्रियाएं निपटाई जा रहीं हैं। वहीं, सरकार की ओर से रिटायर्ड हाईकोर्ट जजों को सातवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन का भुगतान करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की कोर्ट ने जवाब को संज्ञान में लेकर अगली सुनवाई 18 जुलाई तय की है।
राज्य सरकार की तरफ से बताया गया है कि सभी सेवानिवृत्त जजों को सातवें वेतनमान से पेंशन भुगतान के लिए सभी ऑर्डर केंद्रीय पेंशन और लेखा कार्यालय नई दिल्ली भेज दिए गए हैं। राष्ट्रपति का अनुमोदन मिलते ही भुगतान आरंभ कर दिया जाएगा।