Edited By meena, Updated: 17 Jul, 2019 10:49 AM
भाजपा का सदस्यता अभियान देशभर में चल रहा है। जिसमें लोगों को पार्टी में जोड़ने के लिए फॉर्म भरवाए जा रहे है। लेकिन इन फॉर्मो ने मध्यप्रदेश की राजनीति में एक नया विवाद शुरु कर दिया है। इस फॉर्म में भाजपा की सदस्यता लेने वाले लोगों से उनकी जाति भी...
भोपाल: भाजपा का सदस्यता अभियान देशभर में चल रहा है। जिसमें लोगों को पार्टी में जोड़ने के लिए फॉर्म भरवाए जा रहे है। लेकिन इन फॉर्मो ने मध्यप्रदेश की राजनीति में एक नया विवाद शुरु कर दिया है। इस फॉर्म में भाजपा की सदस्यता लेने वाले लोगों से उनकी जाति भी पूछी जा रही है।
दूसरी बार सत्ता में आई बीजेपी सरकार का दावा है कि पार्टी की जीत के पीछे सबसे बड़ी वजह जातिगत समीकरणों से ऊपर उठकर सभी जाति तथा वर्ग के लोगों को एक समान देखना है। यहीं वजह है कि लोग नरेंद्र मोदी को बतौर पीएम पंसद करते हैं। लेकिन अब सदस्यता अभियान में भरे जाने वाले इन फॉर्मस में जाति का कॉलम बनाकर पार्टी ने लोगों में अपनी छवि धूमिल कर दी है।
बताना होगा 'जाति वर्ग'
भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के फॉर्म में नए सदस्यों से यह पूछा जा रहा है कि वह किस जाति वर्ग से संबंध रखते हैं। फॉर्म में बकायदा इसके लिए 5 विकल्प भी दिए गए हैं। जिसमें नए बनने वाले सदस्य को यह बताना होगा कि वह सामान्य, ओबीसी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या अन्य जाति वर्ग से है।
कांग्रेस ने कहा बंटवारे की राजनीति
फॉर्म में जब जाति का कॉलम आया कांग्रेस ने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए हमला कर दिया। कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी हमेशा से जातिगत राजनीति करती आई है। यह बात अलग है कि चुनाव में पीएम मोदी को बोलते सुना था कि हम जातिगत राजनीति नहीं करते और यह राजनीति बीएसपी और समाजवादी पार्टी करती है। लेकिन असलियत यह है कि बीजेपी हमेशा से इसी तरह से बंटवारे की राजनीति करती आई है और इसी का प्रमाण है कि वह अपने मेंबरशिप फॉर्म में लोगों से पूछ रहे हैं वह किस जाति के हैं।'