Edited By Vikas kumar, Updated: 01 Jan, 2019 05:52 PM
मध्य प्रदेश में 15 साल के बाद सत्ता पर कांग्रेस अब पिछली सरकार के उलट काम करने की परंपरा शुरू कर रही है। कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों के वंदेमातरम गाने पर रोक लगा दी है। क...
भोपाल: मध्य प्रदेश में 15 साल के बाद सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस अब पिछली सरकार के उलट काम करने की परंपरा शुरू कर रही है। कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों के 'वंदे मातरम' गाने पर रोक लगा दी है। कमलनाथ सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य सचिवालय के बाहर हर महीने की पहली कामकाजी तारीख को वंदे मातरम नहीं गाया जाएगा। कर्मचारियों को कहा गया है कि वे जनता के कल्याण के कामों पर ध्यान दें। वहीं कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने सवाल खड़े किए हैं।
बीजेपी सरकार में मंत्री रहे उमा शंकर गुप्ता ने कहा है कि, 'जिस वंदे मातरम को लेकर आजादी की लड़ाई लड़ी गई उससे कांग्रेस को परहेज है तो मानसिकता समझ लीजिये। भगवान कामतानाथ के दर्शन करने से लेकर जनेऊ पहन लेने की जनता को दिखाने की प्रवृत्ति साफ होती जा रही है। सूर्य नमस्कार को दुनिया अपना रही है। यह योग है। उस पर पाबंदी लगा रहे हैं। नकारात्मक भावना से राजनैतिक विद्वेष से की शुरुआत र कांग्रेस अपने पैर में कुल्हाड़ी मार रही है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हर महीने के पहले कामकाजी दिन में 'वंदे मातरम' गाने की यह व्यवस्था शुरू की थी। हालांकि कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस सरकार ने 'वंदे मातरम' बंद करने का कोई आदेश जारी नहीं किया था, लेकिन साल 2019 के पहले कामकाजी दिन पर यह राष्ट्रगान नहीं गाया गया।