Edited By suman, Updated: 29 May, 2019 11:25 AM
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने भले ही भावांतर योजना बंद नहीं की है लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। किसानों को इस योजना के तहत उनकी फसल का एक साल से भुगतान नहीं किया गया है। किसान दोनों तरफ से मारा जा रहा है। मंडियों में प्याज और लहसुन...
भोपाल: मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने भले ही भावांतर योजना बंद नहीं की है, लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। किसानों को इस योजना के तहत उनकी फसल का एक साल से भुगतान नहीं किया गया है। किसान दोनों तरफ से मारा जा रहा है। मंडियों में प्याज और लहसुन के ना तो सही दाम मिल रहे हैं और ना ही भावांतर भुगतान योजना का लाभ।
किसानों को भरोसा नहीं
सरकार की प्याज,लहसुन प्रोत्साहन योजना पर भी किसान विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। जब शिकायत बढ़ी तो सीएम कमलनाथ ने इंदौर कलेक्टर को मुख्यमंत्री प्याज लहसुन कृषक प्रोत्साहन योजना की समीक्षा के निर्देश दिए। मध्यप्रदेश के किसानों को प्याज और लहसुन का सही दाम दिलाने के लिए नई सरकार ने मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना की शुरूआत की है। इसमें 1 जून से 9 रुपए प्रति किलो के हिसाब से प्याज खरीदी जाना है। राज्य के बाहर मंडियों में प्याज बेचने व परिवहन और भंडारण के लिए 75 फीसदी अनुदान मिलने की बात कही जा रही है. लेकिन पहले से अपने आपको ठगा महसूस कर रहे किसान इस नयी योजना पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।