कमलनाथ सरकार ने लिया U टर्न, फिर शुरू होगी मीसाबंदी पेंशन, शिवराज ने कसा तंज

Edited By Vikas kumar, Updated: 16 Jan, 2019 04:22 PM

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कमलनाथ सरकार ने बंद की गई मीसाबंदियों की पेंशन पर यू-टर्न ले लिया है। सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि मीसाबंदियों के भौतिक सत्यापन के बाद पेंशन फिर से शुरू की जाए। सामान्य प्र...

भोपाल: कमलनाथ सरकार ने बंद की गई मीसाबंदियों की पेंशन पर यू-टर्न ले लिया है। सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि मीसाबंदियों के भौतिक सत्यापन के बाद पेंशन फिर से शुरू की जाए। सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया गया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कमलनाथ सरकार के इस आदेश की कॉपी को ट्वीट करते हुए यू टर्न लिख कर तंज कसा है। 

 

 

कमलनाथ सरकार ने मीसाबंदी पेंशन योजना पर अस्थाई तौर पर रोक लगाई है। सन 1977 में आपातकाल के दौरान जेल गए कुल 2,286 मीसाबंदी 25 हजार रुपए मासिक पेंशन ले रहे हैं। 2008 में शिवराज सरकार ने मीसा बंदियों को 3000 और 6000 पेंशन देने का प्रावधान किया। इसके बाद पेंशन में बढ़ोत्तरी कर इसे 10,000 किया गया। वहीं 2017 में मीसा बंदियों की पेंशन राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई। इस पर प्रतिवर्ष करीब 70 करोड़ रुपए खर्च हो रहे थे
 
कमलनाथ सरकार ने लगाई थी रोक
 
प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद ही मीसाबंदी पेंशन पर रोक लगाई गई थी। इसके बाद से लोगों को पेंशन मिलना बंद हो गई थी। इस संबंध में पिछले सप्ताह ग्वालियर की हाईकोर्ट बैंच में एक याचिका भी दायर की गई थी। लेकिन मंगलवार की शाम को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से मंगलवार देर शाम जारी किए गए आदेश में सभी आयुक्तों और कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है। जिसमें लिखा है कि 'लोकतंत्र सेनानियों के भौतिक सत्यापन की आश्यकता है। राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि 'लोकतंत्र सेनानी' के आश्रित के भौतिक सत्यापन की कार्यवाही स्थल पर जाकर कराई जाए। उनके बारे में स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद लोकतंत्र सेनानियों को फिर से निधि दी जाए।'

 

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