Edited By suman, Updated: 07 Feb, 2019 01:19 PM
वक्त है बदलाव का नारा लेकर सत्ता में आई कमलनाथ सरकार के दो माह में ही कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। मंत्रियों की बयानबाजी से अक्सर सरकार घिरती है। इसके चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी मंत्रियों के लिए आचार संहिता बना दी है और इसका पालन सभी को करना...
भोपाल: वक्त है बदलाव का नारा लेकर सत्ता में आई कमलनाथ सरकार के दो माह में ही कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। मंत्रियों की बयानबाजी से अक्सर सरकार घिरती है। इसके चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी मंत्रियों के लिए आचार सहिंता बना दी है और इसका पालन सभी को करना अनिवार्य किया गया है।
ये हैं सीएम के निर्देश
सीएम कमलनाथ ने आचार संहिता के जरिए मंत्रियों को सार्वजानिक स्थानों और मीडिया के सामने संभल कर बोलने, कैबिनेट मीटिंग की जानकारी अधिकृत मंत्री द्वारा ही दिए जाने, संवेदनशील विषयों पर अपनी निजी राय देने से परहेज करने, सोच समझकर आचरण करें, मोबाईल से संभलकर रहें, परिजन सरकारी लाभ न ले, विदेशों में लाभ न लें, भाषणों में नकारात्मक बातों से बचने संबंधी निर्देश दिए गए हैं।
देश में मंत्रियों के लिए पहली आचार संहिता
मंत्रियों को लेकर सीएम द्वारा बनाई आचार संहिता पर कैबिनेट मंत्री डॉ.गोविन्द सिंह का कहना है कि 'देश मे मंत्रियो के लिए यह पहली आचार संहिता होगी। जिसका वह और सभी मंत्री शत प्रतिशत पालन करेंगे। वहीं कमलनाथ की मंत्रियों के लिए बनाई आचार संहिता पर बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ के मंत्री बेलगाम हो चुके हैं। सीएम मंत्रियों के आचरण पर ध्यान दें, आचार संहिता बनाने से कुछ नहीं होगा।'
ये है मंत्रियों के लिए आचार संहिता
- मंत्री किसी भी नीतिगत अथवा पॉलिसी संबंधी विषय पर बयान तब तक नहीं देंगे। जब तक उसकी घोषणा मुख्यमंत्री ना करके अथवा उक्त विषय पर जब तक मुख्यमंत्री की सहमति प्राप्त न हो जाए।
- कैबिनेट बैठक के दौरान हुई चर्चा को केवल अधिकृत मंत्री ही प्रेस तक पहुंचाएंगे। कैबिनेट की चर्चा गोपनीयता की परिधि में आती है।
- मंत्री सार्वजनिक स्थानों पर गंभीर आचरण प्रदर्शित करेंगे तथा अपने पद की गरिमा के अनुरूप ही बातचीत करेंगे। सार्वजनिक भाषण करते समय ध्यान रखें कि, आपकी कही गई सभी बातें समाचार बन सकती है। उन बातों को बोलने से बचें जो नकारात्मक हो तथा सरकार के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
- टेलीविजन कैमरा को देखकर सावधानी से बातचीत करें तथा अपने बयान कम से कम शब्दों में ने भाषण की मर्यादा का ध्यान हर हाल में रखा जाना चाहिए।
- संवेदनशील विषयों पर अपनी निजी राय देने से परहेज करें, आपके द्वारा कहा गया कोई भी वाक्य अनावश्यक विवाद पैदा कर सकता है।