Edited By meena, Updated: 24 Jul, 2019 11:37 AM
कमलनाथ सरकार में महिला-बाल विकास मंत्री इमरती देवी अपने बेतुके बयान को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने बच्चों के लिए बनाए जाने वाले खाने को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्र में शौचालय में खाना बनाने को लेकर कहा कि,अगर...
शिवपुरी: कमलनाथ सरकार में महिला-बाल विकास मंत्री इमरती देवी अपने बेतुके बयान को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने बच्चों के लिए बनाए जाने वाले खाने को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्र में शौचालय में खाना बनाने को लेकर कहा कि,अगर टॉयलेट-सीट और खाना पकाने वाले स्टोव के बीच एक विभाजन है, तो शौचालय के अंदर खाना बनाने में कोई समस्या नहीं है। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक मंत्री के इस बयान का विरोध किया जा रहा है, ट्वीटर पर भी यूजर्स उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे है।
शिवपुरी जिले में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत सरकार द्वारा कई शौचालय बनाए गए है, लेकिन यहां के लोग उसे अपने-अपने ढंग से इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां के करैरा के सिलानगर पोखर आंगनबाड़ी केंद्र पर बनाए गए शौचालय का निर्माण यहां पर रसोई के रूप में किया जा रहा है। यहां हर रोज बच्चों के लिए मिड डे मील बनाया जाता है।मीडिया में मामला आने के बाद आनन फानन में अधिकारियों ने जगह बदल दी। अधिकारियों का कहना है कि शौचालय पूरा नही बना था लेकिन अब व्यवस्था दूसरी जगह कर दी गई है।इस मामले में समूह की संचालिका और आंगनाबाड़ी कार्यकर्ता को नोटिस भी दिया है।
वहां दौरे के दौरान मंत्री इमरती देवी ने कहा कि शौचालय के अंदर खाना बनाने से कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा, 'आपको यह समझना चाहिए कि एक विभाजन वहां मौजूद है, हमारे घरों में भी टॉयलेट-बाथरूम अटैच बन रहे हैं। अगर हमारे रिश्तेदार घर में अटैच टॉयलेट-बाथरूम होने के कारण खाने से मना कर दें तो क्या कहेंगे?'
उन्होंने कहा, 'बाथरूम की सीट पर बर्तन रखे जा सकते हैं। हम अपने घरों में भी बर्तन रखते हैं। बाथरूम सीट का उपयोग नहीं किया जाता है और वो बजरी से भर जाता है।' साथ ही उन्होंने कहा कि बजरी से भर जाने के मामले में जांच की जाएगी।
महिला और बाल विकास कार्यक्रम के जिला अधिकारी देवेंद्र सुंद्रयाल ने कहा, 'एक स्वयं सहायता समूह ने शौचालय का नियंत्रण लिया था और इसे अस्थाई रसोई के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। इस मामले में आंगनवाड़ी सुपरवाइजर और इसमें शामिल मजदूरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।'