Edited By suman, Updated: 16 Nov, 2018 11:16 AM
प्रदेश में जैसे- जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, आरोप- प्रत्यारोपों का दौर भी तेज हो रहा है। नेता विपक्ष पार्टी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शिवराज...
भोपाल: प्रदेश में जैसे- जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, आरोप- प्रत्यारोपों का दौर भी तेज हो रहा है। नेता विपक्ष पार्टी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए शिवराज पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार उधार लेकर घी पी रही है। पहले से ही लगभग एक लाख 92 हजार करोड़ रूपये के कर्ज में डूबी शिवराज सरकार बाजार से फिर दो हजार करोड़ का कर्जा ले रही है। इसकी पूरी तैयारी कर ली गयी है। प्रदेश में खराब वित्तीय प्रबंधन की अति हो चुकी है। सरकार के पास पेंशन और वेतन बांटने के लिये भी पैसा नहीं बचा। चुनाव के समय जनता को दिखाने शुरू किये गये विकास कार्य अधूरे पड़े हैं, क्योंकि ठेकेदारों के बिल पैसे की कमी और भ्रष्टाचार के कारण अटके पड़े हैं।
कमलनाथ ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में सरकार पहले ही सात हजार करोड़ रूपये कर्ज ले चुकी है। अब दो हजार करोड़ रूपये फिर से लेने के बाद 2018 में लिये जाने वाले कर्ज की राशि नौ हजार करोड़ रूपये हो जायेगी। सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही थी, लेकिन शिवराजसिंह ने चुनाव आचार संहिता लगने के पहले हजारों करोड़ रूपये की घोषणायें बिना सोचे-समझे कर डाली। वहीं पुराने निर्माण कार्य भी राशि की कमी के कारण अटके पड़े हैं। सरकार का पूरा खजाना खाली पड़ा है। अगली सरकार के लिए खजाने में कुछ नहीं है। वेज एन्ड मीन्स की स्थिति बन चुकी है।
कमलनाथ ने कहा है कि 15 साल पहले जब भाजपा सरकार बनी थी, तब मध्यप्रदेश सरकार पर 20 हजार 147 करोड़ रूपये का कर्जा था। लेकिन 15 सालों में कर्ज की राशि सात गुना से अधिक बढ़ गयी है। फिर भी सरकार कुछ नई बैंकों और संस्थानों से कर्ज लेने की तैयारी में जुटी हुई है। भाजपा सरकार ने विकास कार्यों के नाम पर धड़ाधड़ कर्ज लिया है।