MP पुलिस के मास्टर ब्लास्टर को भूले कमलनाथ, जिस अफसर की प्रदेश को जरुरत उसे भेजा पुलिस हेडक्वार्टर

Edited By suman, Updated: 25 Feb, 2019 12:17 PM

kamal nath the blaster of the mp police

मध्यप्रदेश पुलिस सतना में दो मासूमों  को सकुशल उनकी माँ की गोद में नही पहुंचा पाई,पुलिस की नाकामी से मध्यप्रदेश सरकार को बीजेपी घेर रही है। हालांकि इस केस में बीजेपी नेताओं के साथ बजरंग दल के जुड़ाव से विपक्ष को भी बैकफुट पर ला दिया है। लेकिन इन सब...

भोपाल: मध्यप्रदेश पुलिस सतना में दो मासूमों  को सकुशल उनकी माँ की गोद में नही पहुंचा पाई,पुलिस की नाकामी से मध्यप्रदेश सरकार को बीजेपी घेर रही है। हालांकि इस केस में बीजेपी नेताओं के साथ बजरंग दल के जुड़ाव से विपक्ष को भी बैकफुट पर ला दिया है। लेकिन इन सब के बीच सवाल यही उठ रहा है कि आखिर पुलिस यहां क्यों नाकाम हुई। आखिर पुलिस की इन्विस्टिकेशन में कमी कहा रह गई।


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ये आईपीएस कभी नहीं रहुए अपहरण के मामलों में फेल
मध्यप्रदेश में कई केस ऐसे हैं, जहाँ पर मासूम बच्चो को सकुशल उनके घर में पहुंचा दिया गया।  जब इन केस की हिस्ट्री पर नजर डालते हैं तो उस आईपीएस अफसर का नाम आता है जो कभी भी अपहरण के मामलों में फेल नही हुए। वो नाम है मध्यप्रदेश के 2003 बैच के आईपीएस ऑफिसर हरिनारायण चारी मिश्रा का। जिन्होंने एक रिकॉर्ड  कायम किया है,अपहरण के केस को सॉल्व करने का।
 

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लेकिन इस वक्त कमलनाथ सरकार इस अफसर को पुलिस हेडक्वार्टर में बाबूगिरी करा रही है। सरकार को खुद ही अपने अफसरों की काबिलियत का पता नहीं। कमलनाथ सरकार आने के बाद ही इंदौर डीआईजी रहते हुए हरिनारायण चारी मिश्रा ने मासूम अक्षत को सकुशल बचाया था, लेकिन उसके बाद इस अफसर को ईनाम देने की वजाय लूप लाइन में भेज दिया गया। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि आखिर सरकार क्या राजनीतिक दृष्टि से ही क़ाबिल अफसरों का तबादला कर रही है। 


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इंदौर में अक्षत पहुंचा माँ की गोद में
अपहरण के मामलों में पुलिस अपराधियों की एक्टिविटी को अगर समझ जाए तो वो किसी भी केस को आसानी से सॉल्व कर सकती है। लेकिन ऐसे मामलों में केस को किस तरह सॉल्व करना है वो समझना और उस कार्ययोजना को अंजाम तक पहुंचाना बेहद जरूरी होती है।  इंदौर में हुए मासूम अक्षत के अपहरण केस में भी पुलिस को सकते में डाल दिया था। लेकिन किसी भी मोर्चे पर हार न मानने वाले आईपीएस ऑफिसर हरिनारायण चारी मिश्रा ने यहां भी जंग जीत ली और अक्षत के परिवार वालो के चेहरे पर फिर खुशी वापस ला दी 6 साल के अक्षत जैन अपहरण मामले का मुख्य आरोपी उत्तर प्रदेश के ललितपुर का रहने वाला निकला था। 


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जबलपुर एसपी रहते हुए भी किया कमाल
आईपीएस हरिनारायण चारी मिश्रा केस सॉल्व करने में मास्टर ब्लास्टर हैं, वो जीवन रक्षा करने में सब से आगे है संजीवनी हेल्पलाइन के जरिए, उन्होंने आत्महत्या करने जा रहे युवाओं को बचाया तो अपहरण केस में मासूमों को बचाया। जबलपुर पुलिस अधीक्षक रहते हुए 2 बड़े अपहरण के केस सामने आए। एक केस कटंगी में जहाँ एक 5 साल की मासूम बच्ची को उसकी ही बुआ और उसके प्रेमी ने पैसे के लिए अपहरण कर लिया। इस मामले पर आरोपियों ने पुलिस को बहुत परेशान किया। ये केस बेहद जटिल था। जहां आरोपी कोई और नहीं उसके ही सगे थे। इस केस में पुलिस अधीक्षक ने घेराबंदी कर के आरोपियों को गिरफ्त में लिया और मासूम को परिवार को सकुशल सौपा।
 

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ठीक चित्रकूट जैसे केस से मिलता केस बरेला में हुआ, जहां स्कूल से बच्चे का अपहरण कर लिया गया । इस मामले पर भी हरिनारायण चारी मिश्रा को सफलता मिली और बच्चा सकुशल परिवार के पास पहुंचा।ये बेहद जटिल मामले थे लेकिन हरिनारायण चारी मिश्रा ने अपनी सूझबूझ से ये केस  सॉल्व कर लिए  आज भी दोनो परिवार के लोग हरिनारायण चारी मिश्रा को याद करते हैं। 

 

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