कमलनाथ सरकार का कारनामा, प्रतिबंध के बावजूद कर दिया हर विभाग अफसरों का तबादला

Edited By suman, Updated: 09 Mar, 2019 11:16 AM

kamalnath government s action despite all the restriction

कांग्रेस के सत्ता में आते ही तबादलों को दौर तेजी से चल रहा है। आए दिन अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले किए जा रहे है। रोज हर विभाग की दो से तीन लिस्ट जारी की जा रही है।जबकी चुनाव आयोग ने तबादलों पर प्रतिबंध लगा रखा है। आयोग ने सरकार से केवल उन...

भोपाल: कांग्रेस के सत्ता में आते ही तबादलों को दौर तेजी से चल रहा है। आए दिन अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले किए जा रहे है। रोज हर विभाग की दो से तीन लिस्ट जारी की जा रही है। जबकि चुनाव आयोग ने तबादलों पर प्रतिबंध लगा रखा है। आयोग ने सरकार से केवल उन अफसरों के तबादले फरवरी अंत तक करने को कहा था जो तीन साल से एक ही स्थान पर जमे हो। लेकिन बावजूद इसके एक के बाद हर विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले किए जा रहे है, जिनका चुनाव से कोई संबंध ही नहीं है। आश्चर्य की बात तो ये है कि किसी विभाग को तबादले करने की छूट तबादला नीति 2017-18 के तहत ये ही नहीं है,जबकी सरकार ने सबको छूट दे रखी है। ऐसे में माना जा रहा है आयोग जल्द ही सरकार के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी में है।
 

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प्रतिबंध के बावजूद कर दिया हर विभाग अफसरों का तबादला
दरअसल, विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियों के चलते चुनाव आयोग ने तबादलों पर रोक लगा दी थी, हालांकि परमिशन लेकर तबादले किए जा रहे थे। लेकिन बीते फरवरी माह में आयोग ने ये रोक हटा दी थी। चुनाव आयोग ने सरकार से उन अफसरों के तबादले फरवरी अंत तक करने को कहा था जो तीन साल से एक ही जगह पर जमे हो। इसके दायरे में जो सीधे चुनाव प्रक्रिया से जुड़े वे अधिकारी-कर्मचारी को रखा गया था, लेकिन ज्यादातर विभागों ने तबादलों पर प्रतिबंध होने के बावजूद स्थानांतरण सूची ही जारी कर दी। सरकार ने मंत्रियों और विधायकों के दबाव में सिर्फ इतनी छूट दी है कि जिले के भीतर जिला और तहसील संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानांतरण कलेक्टर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कर सकते हैं। बावजूूद इसके सरकार ने परिवहन, लोक निर्माण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सहकारिता, महिला एवं बाल विकास, नगरीय विकास, उच्च शिक्षा या आबकारी विभाग के तबादले कर दिए।


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बीजेपी ने जताई तबादलों को लेकर आपत्ति 
हर विभाग द्वारा रोज सूचियां जारी की जा रही है। जबकि आयोग ने सरकार को सामान्य प्रशासन, गृह और राजस्व विभाग के अधिकारियों के तबादले करके प्रमाणपत्र देने के लिए कहा था, लेकिन ना तो सरकार ने कोई प्रमाण दिया और ना ही तबादलों पर रोक लगाई। अब तक सैकड़ों अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले हो चुके है। हांलांकि इसको लेकर बीजेपी ने आपत्ति जताई थी ,यहां तक कि इसे तबादला उद्योग तक करार दे दिया था, लेकिन सरकार के तबादले का ये सिलसिला जारी रहा। शुक्रवार को ही दर्जनों अधिकारियों के तबादले किए गए है। हैरानी की बात तो ये है कि किसी विभाग को तबादले करने की छूट तबादला नीति 2017-18 के तहत नहीं है

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