Edited By suman, Updated: 23 Aug, 2018 04:57 PM
पीएचडी के रिसर्च की सच्चाई को जांचने एक सॉफ्टवेयर लांच हुआ। धूमधाम से फीता काटा गया। नकल पकड़ने का दावा हुआ, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी अ
जबलपुर : पीएचडी के रिसर्च की सच्चाई को जांचने एक सॉफ्टवेयर लांच हुआ। धूमधाम से फीता काटा गया। नकल पकड़ने का दावा हुआ, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी अब तक एक भी थीसिस जांचने के लिए कम्प्यूटर को चालू नहीं किया गया। वजह यूनिवर्सिटी प्रशासन जांच का आदेश जारी करना ही भूल गया। अब 40 से ज्यादा थीसिस लेकर स्कॉलर लाइब्रेरी के चक्कर लगा रहे हैं।
23 जुलाई को हुआ था उद्घाटन
पिछले महीने 23 जुलाई को रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में शोधगंगा नाम का सॉफ्टवेयर स्टॉल हुआ। कुलपति प्रो.कपिल देव मिश्र के साथ विभाग के लोगों ने फीता काटकर इसका उद्घाटन किया। दावा था कि एक-एक थीसिस को जांचा जाएगा। प्रशासन ने घोषणा तो कर दी, लेकिन जांच के नियम ही अब तक तय नहीं किए। फाइल प्रशासनिक गलियारों में घूम रही है, लेकिन उस पर मुहर कोई नहीं लगा रहा है।