Edited By suman, Updated: 02 Jan, 2019 04:06 PM
छिंदवाड़ा के विधायक दीपक सक्सेना को मध्यप्रदेश विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर (अस्थायी) बनाया गया है। बुधवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दोपहर 1 बजे सक्सेना को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कमलनाथ, मंत्रिमंडल के सदस्य और...
छिंदवाड़ा: छिंदवाड़ा के विधायक दीपक सक्सेना को मध्यप्रदेश विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर (अस्थायी) बनाया गया है। बुधवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दोपहर 1 बजे सक्सेना को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कमलनाथ, मंत्रिमंडल के सदस्य और अन्य विधायक मौजूद रहे। नवगठित विधानसभा के विधायकों को शपथ दिलाने के लिए सात जनवरी से पहला सत्र शुरू होगा। इसमें प्रोटेम स्पीकर सक्सेना सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे।
मीडिया से चर्चा के दौरान शपथ लेकर बाहर निकले प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने कहा कि 'मैं तो 2 दिन के लिए ही प्रोटेम स्पीकर बना हूं, जब उनसे पूछा गया कि मंत्री नहीं बने आप तो उनका कहना था कि अभी नहीं बने तो 4 महीने बाद बन जाऊंगा' । हमारे कमलनाथ बन गए सीएम वह मेरे लिए बड़ी चीज है। कमलनाथ के लिए सीट छोड़ने पर सक्सेना ने कहा कि कमलनाथ को मैंने पहले ही प्रस्ताव रखा था और अगर वे बोलेंगें को मैं सीट छोड़ दूंगा। सक्सेना को कमलनाथ का करीबी माना जाता है। हाल ही में कमलनाथ के छिंदवाड़ा दौरे पर उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए अपनी विधानसभा सीट भी छोड़ने की पेशकश की थी।
15वीं विधानसभा में विधायकों को दिलाएंगे शपथ
दीपक सक्सेना छिंदवाड़ा से चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। प्रोटेम स्पीकर बनने के बाद दीपक सक्सेना 15वीं विधानसभा के पहले सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे। वे विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव तक ये जिम्मेदारी संभालेंगे।
कौन होता है प्रोटेम स्पीकर
प्रोटेम स्पीकर बनने की लिए जरूरी है कि वो सदन के सबसे सीनियर सदस्यों में से एक हो उसे सदन चलाने के लिए महत्पूर्ण नियमों का ज्ञान हो। विधायक की छवि एक साफ सुथरे ईमानदार सदस्य की हो। प्रोटेम स्पीकर के पास स्थायी स्पीकर जैसे अधिकार नहीं होते। सदन को भंग करने जैसे अति महत्त्पूर्ण निर्णय प्रोटेम स्पीकर के द्वारा नहीं लिए जा सकते। ये प्रोटेम स्पीकर पर निर्भर करता है की वो बहुमत साबित करने के लिए किये जा रहे वोटिंग में कौन से तरीके का इस्तेमाल करे।