Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 08 Mar, 2019 09:30 AM
लोकसभा चुनाव की कबायद तेज हो गई है। जिस तरह विधानसभा चुनाव से पहले दल बदल का दौर शुरु हुआ था वैसे ही लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस में नेताओं द्वारा बड़ा दल बदल हो सकता है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही प्रदेश में राजनीतिक उथल...
भोपाल: लोकसभा चुनाव की कबायद तेज हो गई है। जिस तरह विधानसभा चुनाव से पहले दल बदल का दौर शुरु हुआ था वैसे ही लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस में नेताओं द्वारा बड़ा दल बदल हो सकता है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही प्रदेश में राजनीतिक उथल पुथल देखने को मिल सकती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मिशन में तीन मंत्रियों को जिम्मा सौंपा है जो भाजपा विधायकों और नेताओं के संपर्क में हैं। भाजपा के कई विधायक और नेता पाला बदलकर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, भाजपा के चार विधायक कांग्रेस के संपर्क में बताए गए हैं। कमलनाथ के मंत्री पीसी शर्मा से इनकी चर्चा चल रही है। इनमें से दो विधायक लोकसभा का टिकट भी मांग रहे हैं। कांग्रेस ने एक भाजपा विधायक को खजुराहो से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ाने का भरोसा दिला दिया है। कांग्रेस को यकीन है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के चार विधायक कांग्रेस की सदस्यता ले लेंगे। कांग्रेस का दूसरा निशाना जिला पंचायत अध्यक्षों, जनपद अध्यक्षों और पंच सरपंचों पर है। पिछले दिनों 9 जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा छोड़ कांग्रेस में आ चुके हैं। लगभग एक दर्जन से अधिक जिला पंचायत अध्यक्ष और 50 जनपद अध्यक्ष अभी भी कांग्रेस के संपर्क में है। कांग्रेस की ओर से नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह इनके संपर्क में हैं। भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष मनमोहन नागर के जरिए जयवर्धन सिंह भाजपा को बड़ा झटका देने की तैयारी में है। खबर है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सभी जिलों में बड़ी संख्या में पंच-सरपंच भी भाजपा से कांग्रेस में शामिल होंगे।
दूसरी तरफ बीजेपी में मौजूद सहकारी नेता भी कांग्रेस का दामन थामने वाले हैं। मप्र लघु वनउपज संघ के उपाध्यक्ष गिरी ने कांग्रेस ज्वाइन करने का मन बना लिया है। गिरी को एकाध दिन में लघु वन उपज संघ का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसी प्रकार भाजपा से जुड़े कई सहकारी नेता प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह के संपर्क में है। यह भी लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा करेंगे।
वहीं बेहद विपरीत परिस्थितियों में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए एक बड़े नेता को कांग्रेस में ज्वाइन कराने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। यह नेता मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यंमत्री दिग्विजय सिंह से मिलकर कांग्रेस में आने की इच्छा जता चुके हैं, लेकिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह इनकी वापसी का कड़ा विरोध कर रहे हैं। इस नेता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। कौन सा नेता किस पार्टी का दामन थामता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन एक बात तो स्पष्ट है कि टिकट की चाहत में राजनीतिक दल बदल अब आम हो गया है।