Edited By suman, Updated: 01 Apr, 2019 10:35 AM
एमपी में इस बार नेताओं का भविष्य तय करने में बेरोजगार युवाओं का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। प्रदेश में पूरे 30 लख युवा बेरोज़गार मतदाता है और इन युवाओं पर सभी राजनीतिक दल आंख टिकाए बैठे हैं। विधानसभा चुनाव में बेरोज़गारों की नाराज़गी भी बीजेपी की...
भोपाल: एमपी में इस बार नेताओं का भविष्य तय करने में बेरोजगार युवाओं का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। प्रदेश में पूरे 30 लख युवा बेरोज़गार मतदाता है और इन युवाओं पर सभी राजनीतिक दल आंख टिकाए बैठे हैं। विधानसभा चुनाव में बेरोज़गारों की नाराज़गी भी बीजेपी की सत्ता गंवाने का कारण बना। यही वजह है कि कांग्रेस ने सत्ता में आते ही रोज़गार पर अपना ध्यान लगाया। लेकिन क्या इन योजनाओं के भरोसे कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीत पाएगी।
मध्य प्रदेश में पिछले 15 साल से बीजेपी सत्ता में विराजमान थी।। उसमें से भी 13 साल शिवराज सिंह चौहान सीएम रहे. उन 13 साल में युवाओं के लिए युवा कांट्रेक्टर योजना, बैंक लोन लेने पर सब्सिडी का वादा समेत जॉब फेयर तक किए गए। लेकिन उसका वो नतीजा नहीं मिला, जिसकी उम्मीद थी. परिणाम वही हुआ कि विधान सभा चुनाव में इन बेरोज़गार युवा मतदाताओं ने बीजेपी के खिलाफ वोट डाला. और राज्य में चौथी बार बीजेपी की सरकार नहीं जम पाई। प्रदेश में बीते 5 साल में बेरोज़गारों की संख्या 30.6 लाख हो गई।
जिला रोज़गार कार्यालयों में दर्ज बेरोज़गारों के आंकड़े
- ग्वालियर -151216
- भोपाल -120326
- सतना -124425
- मुरैना-116335
- रीवा -11214
- सागर - 108384
- छिंदवाड़ा-106273