Edited By suman, Updated: 19 Jul, 2018 03:53 PM
शिक्षा व्यवस्था और स्टाफ में कसावट लाने के लिए सरकार ने अब शिक्षा मित्र एप तैयार कर लिया है और इससे शिक्षकों के लोकेशन की जानकारी रखने के साथ ही स्कूल की गतिविधियों व प्रशासनिक व्यवस्था तथा छात्र-छात्राओं को मिलने वाली सुविधा की जानकारी को अपडेट रखा...
रीवा : शिक्षा व्यवस्था और स्टाफ में कसावट लाने के लिए सरकार ने अब शिक्षा मित्र एप तैयार कर लिया है और इससे शिक्षकों के लोकेशन की जानकारी रखने के साथ ही स्कूल की गतिविधियों व प्रशासनिक व्यवस्था तथा छात्र-छात्राओं को मिलने वाली सुविधा की जानकारी को अपडेट रखा जाएगा। लेकिन यह व्यवस्था स्कूल के शिक्षकों के लिए किसी सिरदर्द से कम नजर नहीं आ रही है। यही वजह है कि जिलेभर के शिक्षक शिक्षा मित्र एप का विरोध कर रहे हैं।
एप को अच्छा बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश पर ब्लाकवार आयोजित किया जा रहा है। लेकिन शिक्षक प्रशिक्षण लेने की बजाय इस व्यवस्था को वापस लेने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन के माध्यम से शासन-प्रशासन को अपनी मंशा से अवगत करा रहे हैं। स्कूल में लेट-लतीफी से पहुंचने वाले तथा अपनी मनमानी चलानेवाले शिक्षकों पर इस व्यवस्था से कसावट आएगी। हाल ही में स्कूलों में किए गए निरीक्षण के दौरान यह सामने आया है कि शिक्षक या तो समय पर स्कूल में उपस्थित नहीं हो रहे या फिर अपनी मनमानी चला रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए एम शिक्षा मित्र नामक एप की व्यवस्था शिक्षा विभाग में बनाई गई है।
त्योंथर और नईगढ़ी में हुआ विरोध
ई-अटेंडेंस को लेकर त्योंथर इकाई के अध्यक्ष श्यामबिहारी के नेतृत्व में शिक्षकों ने विरोध किया और तहसीलदार को ज्ञापन पत्र सौंपा है। शिक्षकों ने मांग की है कि ई अटेंडस बंद किया जाए, नहीं तो शिक्षक उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। नईगढ़ी विकासखंड में अध्यापक संगठन के अध्यक्ष कौशलेष चतुर्वेदी ने कहा कि शिक्षा विभाग में ई अटेंडेंस लागू करना विभाग के कर्मचारियों का अपमान व हतोत्साहित करना है। सभी शिक्षकों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं और नेटवर्क की भी जगह-जगह समस्या है। ऐसी स्थिति में ई अटेंडेंस लागू करना सही नहीं है