अब होगी 'माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय' में घोटालों की जांच, कार्रवाई शुरू

Edited By suman, Updated: 19 Jan, 2019 10:33 AM

makhanlal chaturvedi journalism university

सत्ता परिवर्तन के बाद से ही माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में बदलाव का दौर देखने को मिल रहा है| विवि के कुलपति जगदीश उपासने के इस्तीफे के बाद से ही यूनिवर्सिटी में हुई अनियमितताओं की जांच के कयास लगाए जा रहे थे। शुक्रवार को सरकार ने...

भोपाल: सत्ता परिवर्तन के बाद से ही माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में बदलाव का दौर देखने को मिल रहा है। विवि के कुलपति जगदीश उपासने के इस्तीफे के बाद से ही यूनिवर्सिटी में हुई अनियमितताओं की जांच के कयास लगाए जा रहे थे। शुक्रवार को सरकार ने विश्वविद्यालय में हुए घोटालों की जांच के लिए समिति बना दी है। तीन सदस्यों वाली इस समिति में ACS जनसंपर्क एम गोपाल रेड्डी (अध्यक्ष), सीएम के OSD भूपेन्द्र गुप्ता (सदस्य) और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित (सदस्य ) होंगे। वहीं यह समिति 15 दिन में शासन को रिपोर्ट सौंपेगी।


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इन बिन्दुओ पर होगी जांच

  • विश्व विद्यालय में वर्ष 2003 से की गई नियुक्तियों में भर्ती प्रक्रिया/आरक्षण का पालन किए जाने की जांच एवं यदि अनियमितता पाई जाती है, तो उसके लिए उत्तरदायितब का निर्धारण विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम एवं शैक्षणिक प्रणाली/सामग्री में एक विशिष्ट विचारधारा के पक्ष में परिवर्तन किये जाने की जांच
  • विश्वविद्यालय द्वारा दिए जाने वाली अनुसन्धान परियोजनाओं में किन्ही व्यक्ति/समूहों को लाभ पहुंचाने के लिए किए गए पक्षपात की जांच
  • विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2003 के पश्चात् से प्रशासन में यूजीसी के मापदंडों के उल्लंघन की शिकयत की जांच
  • किन्ही व्यक्तियों/समूहों को लाभ पहुंचाने के लिए किये गए अनुपयोगी व्यय की शिकायतों की जांच
  • प्रदेश के विभिन्न स्थानून पर किन्ही व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए अनावश्यक केंद्रों को बोलने की शिकायतों की जांच

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दरअसल, आरोप है कि विश्वविद्यालय में एक दशक से संघ से जुड़े लोगों का अड्डा बन गया है। इसलिए विश्व विद्यालय कांग्रेस सरकार के रडार पर है। सरकार में आते ही कमलनाथ ने पिछले 12 साल में हुई नियुक्तियों का रिकॉर्ड मांगा था। विश्वविद्यालय में 2010 से लेकर 2016 तक जो नियुक्तियां की गयी थीं, उनमें गड़बड़ी की शिकायतें आई थी। मामले की शिकायत लोकायुक्त में भी हुई थीं और विधानसभा में भी इस पर सवाल उठा था। सत्ता बदलते ही कुलपति जगदीश उपासने ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद रैक्टर पद से लाजपत आहूजा ने कार्यवाहक कुलपति पी नरहरि को बुधवार शाम इस्तीफा सौंप दिया है। मंजूरी के लिए यह इस्तीफा मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा जाएगा। नई सरकार आने के बाद विवि से यह दूसरा इस्तीफा है। 

 

 

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