MP Election: तीन दशकों की टूटी परंपरा, इस बार कोई भी डकैत चुनावी मैदान में नहीं

Edited By suman, Updated: 28 Nov, 2018 09:29 AM

mp elections for the first time in three decades

प्रदेश में इस बार का विधानसभा चुनाव अपने आप में अलग नजर आ रहा है। पिछले तीन दशक में पहली बार है जब कोई डकैत या पूर्व डकैत सियासी रणभूमि में नहीं उतरे हैं। इतना ही नहीं वो न तो किसी प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हालांकि, इससे पहले डकैतों...

भोपाल: प्रदेश में इस बार का विधानसभा चुनाव अपने आप में अलग नजर आ रहा है। पिछले तीन दशक में पहली बार है जब कोई डकैत या पूर्व डकैत सियासी रणभूमि में नहीं उतरे हैं। इतना ही नहीं वो न तो किसी प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हालांकि, इससे पहले डकैतों के चुनाव में उतरने के लिए प्रदेश के चंबल और विन्ध्य क्षेत्र मशहूर रहे हैं। इतना ही नहीं, कुछ डकैत तो विधायक बनकर सुर्खियों में भी रहे हैं।

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  • 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व डकैत प्रेम सिंह कांग्रेस की टिकट पर मध्य प्रदेश के सतना जिले की चित्रकूट सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे और उन्होंने बीजेपी के सुरेंद्र सिंह गहरवार को करीब 10 हजार मतों से पराजित किया था।
  • दस्यु जीवन से राजनीति का सफर करने वाले प्रेम सिंह इस सीट से तीन बार विधायक रहे। वो 1998 और 2003 में भी कांग्रेस की टिकट पर ही जीत कर विधायक बने थे। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिवंगत दिग्गज कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह के कट्टर समर्थक रहे प्रेम सिंह का लंबी बीमार के बाद पिछले साल मई में निधन हो गया था।
  •  2013 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल और विंध्य क्षेत्र की करीब 39 सीटें ऐसी थी, जहां पर डकैत या तो चुनावी मैदान में उतरे थे या फिर किसी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार किए थे। लेकिन इस बार पूरे चुनावी सरगर्मी के बीच नदारद हैं।
  • ग्वालियर के समाजसेवी डॉक्टर केशव पांडे ने बताया कि चंबल के बीहड़ों में खौफ से दहलाने वाले पूर्व डाकू मलखान सिंह एवं डाकू मनोहर सिंह गुर्जर ने 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था।
  • 25 साल से अधिक समय तक चंबल घाटी में आतंक मचाने के बाद मलखान सिंह ने करीब साढ़े तीन दशक पहले अर्जुन सिंह सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। अब वे बंदूक छोड़ आध्यात्मिक मार्ग अपना चुके हैं।
  • वहीं, डाकू मनोहर सिंह गुर्जर 90 के दशक में बीजेपी में शामिल हुए और वर्ष 1995 में भिंड जिले की मेहगांव नगरपालिका के अध्यक्ष बने. हालांकि, अब वह अपना छोटा-मोटा निजी कारोबार करते हैं.
  •  प्रेम सिंह से पहले पूर्व खूंखार डकैत शिव कुमार पटेल उर्फ ददुआ उत्तर प्रदेश के चित्रकूट और मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में चुनावों को प्रभावित करते थे। ठीक ऐसे ही अन्य डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया भी चुनावों को प्रभावित किया करता था।
  • ददुआ का भाई बाल कुमार पटेल सपा से सांसद, बेटे वीर सिंह विधायक भतीजा राम सिंह विधायक रह चुके हैं।  ददुआ के भाई और बेटे मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र की सीटों पर सपा उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।

 

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