Edited By Vikas kumar, Updated: 23 Dec, 2018 06:26 PM
प्रदेश में खाद के बाद अब बिजली की भी किल्लत खड़ी होती दिख रही है। प्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों में सिर्फ एक से दो दिन का ही कोयला बचा है ऐसे में आने वाले समय में बिजली का संकट ...
भोपाल: प्रदेश में खाद के बाद अब बिजली की भी किल्लत खड़ी होती दिख रही है। प्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों में सिर्फ एक से दो दिन का ही कोयला बचा है ऐसे में आने वाले समय में बिजली का संकट पैदा होने की उम्मीद है। कोयले की कमी के कारण पावर प्लांट में बिजली उत्पादन में कमी होने के आसार बन गए हैं।
कांग्रेस सरकार ने कोयला न मिल पाने पर केन्द्र सरकार के ऊपर भेदभाव की राजनीति करने का आरोप लगाया है। बता दें कि, रबी सीजन में बिजली की मांग तेरह हजार मेगावाट के आसपास आ रही है, बिजली कंपनियां भी लगातार आपूर्ती की बात कह रही हैं, लेकिन थर्मल पावर प्लांटों को कोयला नहीं मिला तो आने वाले दिनों में प्रदेश में बिजली को लेकर संकट खड़ा हो जाएगा।
प्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों मे कोयले का स्टाक
थर्मल पावर प्लांट |
कोयले का स्टॉक |
सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट |
30,855 मीट्रिक टन कोयला |
अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट |
49,580 मीट्रिक टन कोयला |
बिरसिंहपुर थर्मल पावर प्लांट |
24,940 मीट्रिक टन कोयला |
सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट |
22,706 मीट्रिक टन कोयला |