नई पहल: नैक निरीक्षण के लिए कॉलेजों को तैयार करेगी यह यूनिवर्सिटी

Edited By suman, Updated: 11 Dec, 2018 02:22 PM

new initiative this university will prepare colleges

नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) के निरीक्षण को लेकर महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय ने नई पहल की है। यूनिवर्सिटी से संबद्ध निजी कॉलेजों को नैक निरीक्षण के लिए विवि प्रबंधन प्रशिक्षण देगा। इस दिशा में विवि जनवरी 2019 में एक वर्कशॉप आयोजित...

छतरपुर: नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) के निरीक्षण को लेकर महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय ने नई पहल की है। यूनिवर्सिटी से संबद्ध निजी कॉलेजों को नैक निरीक्षण के लिए विवि प्रबंधन प्रशिक्षण देगा। इस दिशा में विवि जनवरी 2019 में एक वर्कशॉप आयोजित करने जा रहा है। कार्यक्रम में समझाया जाएगा कि वर्ष 2023 तक नैक का निरीक्षण न कराने पर उनके कॉलेज बंद हो सकते हैं। 

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निरीक्षण कराना अनिवार्य है
 नैक से मिलने वाली ग्रेड को लेकर सागर सहित प्रदेश भर के सरकारी कॉलेज गंभीर नहीं हैं। ऐसा ही रवैया निजी कॉलेज प्रबंधन का है। यही वजह है कि अब राज्य शासन ने नैक संबंधी प्रक्रिया को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। गौरतलब है कि यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) ने प्रदेश के सभी कॉलेजों के लिए नैक द्वारा निरीक्षण कराना अनिवार्य कर दिया है। इसकी समय-सीमा वर्ष 2023 तय की गई है। अगर कोई कॉलेज इस प्रक्रिया को नहीं अपनाता है तो संबंधित विश्वविद्यालय उसको संबद्धता देने से मना कर सकता है। 

PunjabKesari5 वर्ष पुराने कॉलेजों काे जरूरी 
जानकारी के अनुसार प्रदेश में पिछले पांच वर्ष से संचालित निजी कॉलेजों के लिए नैक का निरीक्षण कराना अनिवार्य है। महाराजा छत्रसाल यूनिवर्सिटी से संबद्ध निजी कॉलेज की संख्या लगभग 150 है। इनमें लगभग 80 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। लेकिन 90 प्रतिशत निजी कॉलेजों के पास नैक की ग्रेडिंग नहीं है। यह ग्रेडिंग न होने पर निजी कॉलेजों आैर उसके विद्यार्थियों को परेशानी हो सकती है। 


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जाने क्या है नैक 
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ( नैक) की स्थापना वर्ष 1994 में की गई थी। इसका काम देश के उच्च शिक्षा संस्थानों का आंकलन और उन्हें मान्यता प्रदान करना है। मूल्यांकन एवं मान्यता देने के मायने हैं कि संबंधित शैक्षणिक संस्थान नैक द्वारा तय गुणवत्ता के मानकों पर कितना खरा उतर रहा है। नैक की कमेटी संस्थान को प्रमाण-पत्र देने के पहले वहां का निरीक्षण करती है। उसमें कई बिंदुओं का ध्यान रखा जाता है। इसमें शैक्षिक प्रक्रियाओं में संस्था का प्रदर्शन, पाठ्यक्रम चयन और उसका अध्यापन, शिक्षकों की योग्यता और छात्रों के परिणाम शामिल हैं। इसके अलावा संबंधित संस्थान की आर्थिक स्थिति, प्रबंधन व्यवस्था के साथ स्टूडेंट, स्टॉफ आदि के लिए वहां उपलब्ध सुविधाओं की भी देखा जाता है। 
 

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