Edited By suman, Updated: 19 Sep, 2018 11:20 AM
शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती बच्ची की मौत के बाद शव न देने पर परिजन ने कलेक्टर से शिकायत की। उनके हस्तक्षेप के बाद शव सौंपा गया। राजेंद्र नगर निवासी 13 वर्षीय सलो
इंदौर : शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती बच्ची की मौत के बाद शव न देने पर परिजन ने कलेक्टर से शिकायत की। उनके हस्तक्षेप के बाद शव सौंपा गया। राजेंद्र नगर निवासी 13 वर्षीय सलोनी चौहान को चार महीनेपहले परिजन चोइथराम अस्पताल ले गए थे। वहां नसों का लकवा होने से हालत बिगड़ने की जानकारी दी गई। चार माह 12 दिन में 19 लाख रुपए खर्च हुए। अपना घर तक बेच दिया। दो दिन पहले बच्ची की मौत हो गई। अस्पताल ने 2 लाख 40 हजार रुपए और जमा करने की बात कही। परिजन ने कहा कि इलाज में सब कुछ बेच दिया। अब कहां से पैसा लाएं। इस पर अस्पताल ने शव देने से इनकार कर दिया।
जनसुनवाई में की शिकायत
परेशान परिजन ने जनसुनवाई में कलेक्टर को स्थिति बताकर अस्पताल की शिकायत की। कलेक्टर के आदेश पर अस्पताल ने बिल की राशि न लेते हुए शव सौंप दिया। परिजन मनोज चौहान ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को भी शिकायत की गई है। इलाज के खर्च की पूरी जानकारी मांगी गई है।