Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 19 Nov, 2018 07:10 PM
जहां एक तरफ विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरु हो गई है वहीं दूसरी तरफ सुविधाओं की कमी के चलते और नाराज जनता ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। यह कोई पहला मौका नहीं है कि गांव के लोगों ने विरोध का रास्ता अपनाया है...
सतना: जहां एक तरफ विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरु हो गई है वहीं दूसरी तरफ सुविधाओं की कमी के चलते और नाराज जनता ने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। यह कोई पहला मौका नहीं है कि गांव के लोगों ने विरोध का रास्ता अपनाया है इससे पहले भी उपचुनाव में लोगों ने ऐसा किया था और जहां एक भी वोट नहीं पड़ा था।
जानकारी के अनुसार,चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र का एक ऐसा गांव है, जहां पिछले उपचुनाव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था और पूरा दिन प्रशासन उन्हें मनाने में लगा रहा था। लेकिन शाम तक एक भी वोट नहीं पड़ा। अब एक बार फिर यहां के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार करने का फैसला किया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं मझगवां ब्लॉक के बंधी बेरहना गांव की जहां के लोग आज भी विकास के लिए तरस रहे हैं।
ये हैं प्रमुख समस्याएं
- बेरहना को पंचायत बने 35 साल हो गए लेकिन पंचायत भवन आज तक नहीं बना है। आंगनबाड़ी है, लेकिन भवन नहीं है। स्कूल में लाखों का शौचालय बना लेकिन छत आज तक नहीं बनी।
- गांव जाने के रास्ते में पुल टूटा है, जिसकी वजह से राशन दुकान गांव में नहीं खुल सकी।
- बरसात में आवागमन बंद हो जाता है। नलजल योजना के तहत पंप हाऊस बना है लेकिन ग्रामीणों को एक बूंद पानी आज तक नहीं मिला।
- गरीब आदिवासियों के शमशान में दबंगों ने कब्जा कर लिया है। कागजों में लाखों की सड़क बन गई और लेकिन मौके पर नाली बह रही है। पुल टूटा होने से वाहन नहीं आ पाते जिसके चलते बेरोजगारी चरम पर है और ग्रामीणों को राशन लेने के लिए 6 किमी दूर जाना पड़ता है। कई बोर और हैण्डपंप हैं जिनपर नेताओं के रिश्तेदारों और दबंगों ने कब्जा कर लिया है।