Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 11 Jan, 2019 03:22 PM
मध्यप्रदेश में बेशक कमलनाथ सरकार ने किसानों के हितों में कई घोषणाएं की है। लेकिन फिर भी किसान सरकार की इन नितियों से खुश नजर नहीं आ रहे। मामला जिले के उदयपुरा का है जहां सैंकड़ों महिला-पुरुष किसान...
रायसेन: मध्यप्रदेश में बेशक कमलनाथ सरकार ने किसानों के हितों में कई घोषणाएं की है। लेकिन फिर भी किसान सरकार की इन नितियों से खुश नजर नहीं आ रहे। मामला जिले के उदयपुरा का है जहां सैंकड़ों महिला-पुरुष किसान 13 सूत्री मांगों को लेकर तहसील में भूख हड़ताल पर बैठे है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम उदय से भारत उदय के तत्वाधान में सैंकड़ों किसान अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर 5 किलोमीटर की पदयात्रा कर महिला, बच्चे व बुजुर्ग तहसील कार्यालय पहुंचे। जहां कर्मचारियों ने तहसील परिसर में ताला जड़ दिया और किसानों का प्रवेश रोक दिया। लेकिन जब आंदोलनकारी किसानों ने तहसील का घेराब किया जो तहसीलदार सरोज अग्निबंशी के कहने पर परिसर का ताला खोला गया और किसान तहसील परिसर में शान्ति से 13 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए।
बता दें कि किसान सुनील दीक्षित ने कहा कि उन्होंने13 सूत्री मांगों को लेकर पूर्व में एक सप्ताह पहले कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा था। लेकिन उनकी मांगों का सरकार की तरफ से कोई लिखित जबाव न मिलने के कारण उन्होंने भूख हड़ताल का कदम उठाया है। ये है किसानों की मुख्य मांगे -
- बिना दस्तावेज मांगे किसानों के खातों में 2 लाख जाने चाहिए
- गौशाला की राशि खातों में दी जाए
- आवासीय पट्टा मिलना चाहिए
वहीं तहसीलदार अग्निबंशी का कहना है कि यह मांगे शासन स्तर की हैं।