Edited By Jagdev Singh, Updated: 05 Apr, 2020 05:02 PM
देशभर में कोरोना वॉरियर्स के तौर पर पुलिस, डॉक्टर, नगर-निगम कर्मचारियों और एनजीओ की बहुत सारी तस्वीरें सामने आई हैं। लॉकडाउन के दौरान सब-स्टेशन में पदस्थ प्रगति तायड़े भी ऐसी ही वॉरियर हैं, जिनकी चर्चा शहर के सभी लोगों की जुबान पर है। आपके घरों में...
भोपाल: देशभर में कोरोना वॉरियर्स के तौर पर पुलिस, डॉक्टर, नगर-निगम कर्मचारियों और एनजीओ की बहुत सारी तस्वीरें सामने आई हैं। लॉकडाउन के दौरान सब-स्टेशन में पदस्थ प्रगति तायड़े भी ऐसी ही वॉरियर हैं, जिनकी चर्चा शहर के सभी लोगों की जुबान पर है। आपके घरों में अंधेरा ना हो इसलिए प्रगति अपनी 6 महीने की बेटी को कैरियर में लेकर हर रोज ऑफिस पहुंच रही हैं। प्रगति तायड़े का कहना है कि बेटी को कार्यस्थल पर लेकर आना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन ड्यूटी करना जरूरी है। लॉकडाउन के समय में बेटी को घर पर अकेला छोड़ नहीं सकती हैं।
प्रगति तायड़े 6 महीने की छोटी सी बिटिया को लेकर हर रोज कोलार के नयापुरा सब-स्टेशन में ड्यूटी पर पहुंचती हैं। सुबह 8 बजे लेकर शाम 4 बजे तक बेटी को संभालने के साथ ही बखूबी काम की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं। वह ऐसा इसलिए कर रही है ताकि आपके घरों में अंधेरा ना हो। उनका कहना है कि यह काम खतरनाक है, लेकिन संकट के बीच बच्ची को अकेले घर पर नहीं छोड़ सकती हैं, इसलिए काम के साथ ही बिटिया को भी संभाल रही हैं।
बता दें कि प्रगति तायड़े कोलार क्षेत्र में सबस्टेशन में टेस्टिंग ऑपरेटर हैं। वह संविदा कर्मचारी हैं। प्रगति कहीं बिजली गुल हो और फॉल्ट होने पर लाइनमेन को सूचित करती हैं, जिससे फॉल्ट ठीक हो सकें और बिजली आपूर्ति तुरंत घरों में हो सके। प्रगति का कहना है कि वह भी डॉक्टर, नर्स और पुलिसकर्मियों की तरह अपने कर्तव्य को पूरा कर रही हैं। सभी लोग विषम परिस्थितियों में काम कर रहे है ताकि गर्मी के मौसम में जो लोग लॉकडाउन के दौरान घर पर हैं उन्हें किसी को भी कोई दिक्कत ना हो। बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से सभी घरों में हो सकें।
सब-स्टेशन के अंदर काम करते वक्त बिटिया को बिजली उपकरणों से दूर रखकर काम संभालती हैं। वहीं बिजली यार्ड में जाते समय बच्ची को दूसरे कर्मचारी के पास छोड़कर काम पूरा करती हैं। प्रगति का कहना है कि वो और उनकी महिला साथी सभी मुश्किल हालातों में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, लेकिन आज भी वो आउटसोर्स कर्मचारी हैं और बिना बीमा के काम कर रही हैं। बेटी के साथ काम करना फिलहाल जोखिम भरा है। ऐसे में हम सभी संविदा कर्मचारियों का बीमा जरूर होना चाहिए।