Edited By shahil sharma, Updated: 02 Mar, 2021 07:46 PM
जिले में भले ही प्रशासन स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने का दावा कर रहा है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यहां आने वाले मरीज डॉक्टरों को ढूंढते फिरते हैं, लेकिन डॉक्टर हैं कि ज्यादातर लापता रहते हैं।
सिंगरौली (अनिल सिंह): जिले में भले ही प्रशासन स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने का दावा कर रहा है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यहां आने वाले मरीज डॉक्टरों को ढूंढते फिरते हैं, लेकिन डॉक्टर हैं कि ज्यादातर लापता रहते हैं।
प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने की नियत से सिंगरौली जिले में ट्रामा सेंटर के लिए अलीशान बिल्डिंग बनाई गई है, लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई हैं। आलम ये है कि यहां इलाज करने वाले चिकित्सकों को बकायदा सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक ड्यूटी देनी होती है, लेकिन मरीज लगातार चिकित्सकों को ढूंढते फिरते हैं।
सिंगरौली जिले में ये हाल तब हैं जब यहां DMF का उपयोग करके करोड़ों रुपये की लागत से ट्रामा सेंटर बनाया गया क्योंकि सिंगरौली जिला औद्योगिक क्षेत्र है। यहां हैवी व्हीकल के चलते कई बार बड़े हादसे होते हैं। वहीं, प्रदूषण की मार भी यहां के लोग झेलते हैं। बावजूद इसके अधिकारियों का अपना तर्क है। उनका कहना है कि यहां चिकित्सकों की कमी की वजह से व्यवस्था नहीं बन पा रही।