Edited By Vikas kumar, Updated: 29 Aug, 2020 05:35 PM
उफनती वैनगंगा में बहकर आ रही लकड़ी को निकलने के लिए शनिवार को गायखुरीघाट और इसके आसपास के घाटों में लोगों का तांता लगा रहा। पुलिस व प्रशासन के इस बारे में सख्त हिदायत देने के बाव...
बालाघाट (हरीश लिल्हारे): उफनती वैनगंगा में बहकर आ रही लकड़ी को निकलने के लिए शनिवार को गायखुरीघाट और इसके आसपास के घाटों में लोगों का तांता लगा रहा। पुलिस व प्रशासन के इस बारे में सख्त हिदायत देने के बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर नदी से लकड़ी निकाल रहे हैं और अपनी जान खतरे में डाल रहे है।
लगातार कई घंटे की बारिश के चलते वैनगंगा नदी ऊफान पर है। जिसमें बड़े-बड़े पेड़ भी बहकर आ रहे हैं। जिसे निकालने के लिए ग्रामीण लोग रस्सी में फंदा डालकर नदी में फेंक कर लकड़ी को निकालते हैं कई बार इस तरह से लकड़ी निकालने के चक्कर में नदी में डूबने की घटनाएं हो चुकी है बावजूद लोग घटना से सबक नहीं ले रहे मौसम के लगातार खराब रुख और भारी बारिश को देखते हुए बालाघाट जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। लेकिन अलर्ट के बावजूद कुछ लोग अपनी जान की परवाह किए बगैर नदी नालों के करीब जा रहे हैं। जिससे उनकी जिंदगी मुश्किल में फंस रही है। वंही भीमगढ़ बांध से पानी बार बार छोड़े जाने के चलते खतरा और भी बढ़ रहा है।
हर वर्ष उफनती नदी नालों में अपनी जान जोखिम में डालकर लोग बाढ़ में बहकर आने वाली लकड़ियों को निकालते हैं। जिसके चलते पहले अनेकों घटनाएं भी हो चुकी है। यहां तक कि लोग अपनी जान से हाथ भी गंवा बैठे हैं। यही कारण है कि प्रशासन बार-बार बाढ़ की स्थिति में नदी के किनारे जाने से रोकने चेतावनी देती है। यहां तक कि मुनादी भी कराते हैं बावजूद इसके थोड़े से लालच के लिए जोखिम का यह खेल जारी है। लकड़ी को उफनती नदी से निकालने की होड़ में लोग अपनी जान की परवाह भी नही कर रहे हैं। आलम ये है कि प्रशासन की चेतावनी का भी इन पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। गंभीर बात ये है कि नदी के किनारे बाढ़ के हालात में नदी के किनारेे जमीन धसकने से कोई भी अनहोनी हो सकती है। वहीं भीमगढ़ बांध से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदी के किनारे जलाऊ लकड़ी निकालने जैसी अन्य लालच का खेल खतरनाक हो सकता है।