Edited By suman, Updated: 22 Jun, 2018 01:10 PM
पीएम आवास गरीबो के लिए कहीं न कहीं बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है जिससे उनका पक्के घरों में रहने का सपना पूरा हो रहा है। लेकिन ये योजना गरीबों के सपने पूरे करने से ज्यादा सचिव एवं रोजगार सहायको के लिए पैसा कमाने का जरिया बनती जा रही
होशंगाबाद: पीएम आवास गरीबो के लिए कहीं न कहीं बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है जिससे उनका पक्के घरों में रहने का सपना पूरा हो रहा है। लेकिन ये योजना गरीबों के सपने पूरे करने से ज्यादा सचिव एवं रोजगार सहायको के लिए पैसा कमाने का जरिया बनती जा रही है। ऐसा ही एक मामला होशंगाबाद जिले के गांव सूरजपुर में देखने को मिला। जहां कागजों में तो देवीसिंह के नाम का आवास स्वीकृत कर दिया गया, लेकिन अभी तक मिला ही नहीं है। बल्कि उसके स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को आवास दे दिया गया।
गांव सूरजपुर का यह निवासी आज भी झोपड़ी में ही रह रहा है। उससे पूछताछ के दौरान जो खुलासा हुआ वह चौंकाने वाला है। देवीसिंह ने बताया की ग्राम सचिव द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत तो किया गया था,लेकिन गरीबी के चलते पैसे न दिए जाने के कारण, उसका आवास किसी और को दे दिया गया।कलेक्टर से इस बारे में शिकायत करने के बावजूद भी उसकी ओर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा गया।