Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 19 Jan, 2019 06:15 PM
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 के बाद कमलनाथ की कांग्रेस सरकार तो बन गई हैं। लेकिन अतिसंवदेनशील बालाघाट जिले में नक्सली हालात जस के तस है। नक्सलियों द्वारा नेताओं को धमकी भरे पत्र मिलने की जैसे परंपरा ही चल पड़ी है।
बालाघाट: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 के बाद कमलनाथ की कांग्रेस सरकार तो बन गई हैं। लेकिन अतिसंवदेनशील बालाघाट जिले में नक्सली हालात जस के तस है। नक्सलियों द्वारा नेताओं को धमकी भरे पत्र मिलने की जैसे परंपरा ही चल पड़ी है। हांलाकि पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ विधायक संजय उईके की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।
गौरतलब है कि, आदिवासी क्षेत्र के विधायक संजय उईके को 4 जनवरी को डाक के माध्यम से एक पत्र प्राप्त हुआ था और लाखों रूपए की फिरौती की मांग की गई थी। वहीं इसी तरह का एक पत्र विधानसभा उपाध्यक्ष हीना कावरे को भी मिला है। उसमें भी लाखों रूपए की फिरौती की मांग की गई थी। हैरानी की बात है कि बालाघाट में मलाजखंड और टाडादलम सक्रिय है बावजूद इसके संजय उईके और हीना कावरे को भेजे गए कथित नक्सली पत्र में नए नक्सली दलम का जिक्र है। इसी बात से बालाघाट पुलिस भी हैरान है। वहीं दोनों ही मामलों में पुलिस गंभीरता से जांच का हवाला दे रही है। बहरहाल पुलिस ने संजय उईके की शिकायत पर मलाजखंड थाना और हीना कांवरे की शिकायत पर किरनापुर थाने में मामला दर्ज कर लिया।