Edited By meena, Updated: 23 Nov, 2019 01:26 PM
मध्यप्रदेश सरकार भले ही महिलाओं और बेटियों की सुख-सुविधाओं की बात करते नहीं थकती लेकिन छतरपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घुवारा में इसकी हकीकत कुछ और ही सामने आई है। यहां नसबंदी के लिए पहुंची...
छतरपुर: मध्यप्रदेश सरकार भले ही महिलाओं और बेटियों की सुख-सुविधाओं की बात करते नहीं थकती लेकिन छतरपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घुवारा में इसकी हकीकत कुछ और ही सामने आई है। यहां नसबंदी के लिए पहुंची महिलाएं 9-10 घंटे सर्जन का इंतजार करती रही। जिनकी खबरसार लेने न तो कोई डॉक्टर समय पर पहुंचा और न ही उनके बैठने का उचित प्रबंध किया गया था।
दरअसल, घुवारा स्वास्थ्य केंद्र की आशा कार्यकर्ताओं एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने गांव-गांव जा कर महिलाओं को नसबंदी के लिए लिए प्रेरित किया और कहा कि सात आठ बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घुवारा पहुंचना जरूरी है। इसी सूचना को लेकर बीस गावों से चार पांच सौ महिलाएं एकात्रित हो गई थी।
जिसमें करीब 68 महिलाओं के रजिस्ट्रेशन हो गए थे। महिलाएं एंव परिजन व छोटे बच्चे लंबे समय से सर्जन के इंतजार में भूखे प्यासे बैठे रहे। अव्यवस्थाओं के चलते अस्पताल परिसर में कई महिलाएं जमीन पर पड़ी हुई थी तो कई महिलाएं परिसर से बाहर लेटी दिखाई थी।
हद तो तब हो गई जब शाम ढले तकरीबन 5 बजे डॉक्टर ऋषभ यादव ने बताया कि सर्जन अभी बड़ागांव में नसबंदी का काम निपटा रहे हैं कुछ समय बाद वो घुवारा आने वाले हैं। आखिरकार सवा पांच बजे के करीब सर्जन के के चतुर्वेदी आए और शाम छह बजे से नसबंदी का कार्य जारी किया गया।