Edited By Jagdev Singh, Updated: 20 Nov, 2019 02:58 PM
प्रदेश में गांजे की खेती वैध करने की तैयारी चल रही है। वहीं अब इसके लिए एनडीपीसी नियमों में बदलाव करने की भी तैयारी चल रही है। गांजे की खेती के लिए अफीम की तरह हर साल मिलेगा लाइसेंस। वहीं यह प्रस्ताव इंडसकेन कंपनी की पहल पर तैयार किया जा रहा...
भोपाल: प्रदेश में गांजे की खेती वैध करने की तैयारी चल रही है। वहीं अब इसके लिए एनडीपीसी नियमों में बदलाव करने की भी तैयारी चल रही है। गांजे की खेती के लिए अफीम की तरह हर साल मिलेगा लाइसेंस। वहीं यह प्रस्ताव इंडसकेन कंपनी की पहल पर तैयार किया जा रहा है।
वहीं गांजे से दवा बनाने के लिए कंपनी 1200 करोड़ का निवेश करेगी। देशभर में गांजे की खेती पर बैन है। प्रदेश सरकार में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बयान दिया है कि हेम्प की खेती होती है यह गांजा नहीं है। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में इसकी खेती हो रही है। कैंसर की दवा में इसका प्रयोग हो रहा है। कपड़े भी बनते हैं। वहीं नई विधा मध्यप्रदेश में आएगी। यह खाने पीने के लिए नहीं है। मध्यप्रदेश में कई जगह पर इसकी खेती हो रही है।
वहीं प्रह्लाद लोधी के मामले पर पीसी शर्मा ने बयान दिया है कि हाईकोर्ट, डिस्ट्रिक्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह काम हुआ है। मंत्रिमंडल में इसकी खेती का निर्णय हुआ था। महापौर का चुनाव पार्षद के द्वारा होगा। हाईकोर्ट में जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया है। वहीं सरकार इस मामले में अब एक स्टेप आगे बढ़ गई है।