मप्र में पहले राहुल और फिर मोदी के आगमन के बाद सियासी पारा चढ़ा

Edited By kamal, Updated: 24 Jun, 2018 01:38 PM

prior to the arrival of rahul and modi after the arrival of modi

मप्र में पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अब पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। मप्र में मोदी के दो कार्यक्रम आयोजित ​हुए, दोनों में ही भीड़ एकत्र कर शक्ति प्रदर्शन किया गया। प्रदेश में चुनाव बेहद नजदीक है, ऐसे में बीजेपी...

मध्यप्रदेश (कमल वधावन) :  मप्र में पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अब पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। मप्र में मोदी के दो कार्यक्रम आयोजित ​हुए, दोनों में ही भीड़ एकत्र कर शक्ति प्रदर्शन किया गया। प्रदेश में चुनाव बेहद नजदीक है, ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे को घेरने में लग गई है। पीएम ने गत दिवस मप्र में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाये कि उसने सियासत में परिवारवाद को बढ़ावा दिया तथा अपने पूर्ववर्ती शासनकाल में वोट बैंक के नफा-नुकसान को ध्यान में रखते हुए सरकारी योजनाएं चलायीं।

भाजपा इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों में लगातार चौथी बार सरकार बनाने की चुनौती का सामना कर रही है, जबकि कांग्रेस खासकर किसानों के कथित असंतोष के मुद्दे को उभारकर सूबे की सत्ता से पिछले 15 साल का वनवास खत्म करने की कोशिश में जुटी है। सियासत के जानकारों के मुताबिक, भाजपा ने चुनावी साल में प्रधानमंत्री के दौरे को भुनाने की कोशिश के तहत खाका इस तरह तैयार किया था कि राजगढ़ में मोदी के हाथों 4,000 करोड़ रुपये की लागत वाली सिंचाई परियोजना के लोकार्पण के बूते किसानों को खुश किया जा सके।

वहीं इंदौर में आयोजित कार्यक्रम के जरिये राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 4713.75 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों की मोदी द्वारा ई-शुरूआत के आधार पर गरीब और मध्यम वर्ग के मतदाताओं को लुभाया जा सके। मंदसौर में पिछले वर्ष किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में छह कृषकों की मौत हो गयी थी। राहुल इन किसानों की बरसी पर छह जून को मंदसौर पहुंचे थे और कांग्रेस की किसान समृद्धि संकल्प रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने कृषि संकट के मुद्दे को गरमाते हुए सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधने के साथ अहम घोषणा की थी कि प्रदेश के अगले विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी की सरकार बनने पर 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जायेगा। 

शक्तिहीन कांग्रेस के सामने शक्ति प्रदर्शन की जरूरत नहीं: बीजेपी
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा इस बात को सिरे से खारिज करते हैं कि प्रधानमंत्री के एक दिवसीय मध्यप्रदेश दौरे के तहत कल आयोजित दोनों कार्यक्रमों में सत्तारूढ़ दल ने भीड़ जुटाकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया, ताकि राहुल की किसान रैली का जवाब दिया जा सके। अगले विधानसभा चुनावों के लिये भाजपा के रणनीतिकारों में शामिल राज्यसभा सांसद झा ने कहा कि प्रदेश में शक्तिहीन कांग्रेस के सामने हमें अपने शक्ति प्रदर्शन की कोई जरूरत नहीं है। आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सूबे की 230 सीटों में से 30 सीटें भी नहीं जीत सकेगी। उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश दौरे में मोदी ने अपनी बातों से कांग्रेस के उन स्वाभिमानी कार्यकर्ताओं के भी मन को छू लिया, जो इस पार्टी में लम्बे समय से एक ही परिवार की आराधना से खुश नहीं हैं। झा ने बताया कि मोदी ने अपने दौरे में प्रदेश में भाजपा के विकास पर्व का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के तहत आयोजनों का सिलसिला छह जुलाई तक चलेगा।

विकास पर्व के बजाय प्रायश्चित पर्व मनाए बीजेपी: कमलनाथ
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बयान में मोदी के प्रदेश दौरे पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ऐसे समय विकास पर्व मना रही है, जब प्रदेश में एक दलित किसान को जिंदा जला दिया जाता है, कर्ज के बोझ के कारण किसान प्रतिदिन आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगार युवा मौत को गले लगा रहे हैं, अवैध रेत उत्खनन कर तेज रफ्तार से दौड़ते डम्पर लोगों को कुचल रहे हैं और महिलाएं प्रतिदिन ज्यादती का शिकार हो रही हैं। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा चुनावी वर्ष में विकास पर्व के माध्यम से झूठे शिलान्यास, भूमि पूजन और घोषणाएं कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के जो हालात हैं, उन्हें देखते हुए भाजपा सरकार को विकास पर्व के बजाय प्रायश्चित पर्व मनाना चाहिये।

      
 

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