Edited By Vikas Tiwari, Updated: 08 May, 2021 06:07 PM
ग्वालियर में जिला प्रशासन ने तीन प्राइवेट कोविड सेंटरों में बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मरीजों से ओवर चार्जिंग करने उनसे ऑक्सीजन और रेमडेसीविर इंजेक्शन मंगवाने जैसी कई शिकायतों के बाद ग्वालियर जिला प्रशासन ने शहर के तीन निजी...
ग्वालियर (अंकुर जैन): ग्वालियर में जिला प्रशासन ने तीन प्राइवेट कोविड सेंटरों में बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मरीजों से ओवर चार्जिंग करने उनसे ऑक्सीजन और रेमडेसीविर इंजेक्शन मंगवाने जैसी कई शिकायतों के बाद ग्वालियर जिला प्रशासन ने शहर के तीन निजी कोविड केयर सेंटर्स का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया है। इसके अलावा एक महिला डेंटिस्ट डॉक्टर एस शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
डेंटिस्ट महिला पर आरोप है कि इसने कोविड-19 केयर सेंटर में भर्ती मरीज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रिसक्राइब्ड किया था। जिसका यह अधिकार ही नहीं था। यह महिला डॉक्टर मां शीतला नर्सिंग होम में पदस्थ है और इन दिनों कोरोना मरीजों का इलाज कर रही थीं। जबकि वह खुद बीडीएस स्नातक है। जिन अस्पतालों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने पंजीयन के निरस्त की कार्रवाई की है। उनमें मैक्स केयर, श्रद्धा नर्सिंग होम और लोटस नर्सिंग होम है।
लोटस अस्पताल में पिछले दिनों ऑक्सीजन होने के बावजूद मरीजों के परिजनों से ऑक्सीजन का इंतजाम करने को कहा गया था। जबकि अस्पताल के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर थे। इसी तरह लोटस अस्पताल के कोविड-19 केयर सेंटर में मरीजों की आक्सीजन सप्लाई बाधित होने पर वहां मरीजों के अटेंडरों ने जमकर उत्पात मचाया था और चक्का जाम किया था। लगातार निजी नर्सिंग होम द्वारा मरीजों और उनके अटेंडरों के साथ की जा रही बदसलूकी के चलते जिला प्रशासन ने इन नर्सिंग होम के खिलाफ जांच शुरू की थी। जिसमें इन तीन अस्पतालों को कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन का दोषी पाया गया था। स्वास्थ्य विभाग अब निजी पैथोलॉजी लैब के खिलाफ भी नोटिस की कार्रवाई कर रहा है। जहां मरीजों के साथ गाइडलाइन के उल्लंघन की शिकायतें मिल रही थी।