सोलंकी 11 वर्षों की ‘ऊर्जा स्वराज यात्रा’ पर, बने मध्यप्रदेश के ब्रांड एम्बेसेडर

Edited By PTI News Agency, Updated: 26 Nov, 2020 09:56 PM

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भोपाल, 26 नवंबर (भाषा) आई.आई.टी मुंबई के प्रोफेसर डॉ. चेतन सिंह सोलंकी सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बृहस्पतिवार को भोपाल से 11 वर्षों के लिए समूचे देश की ‘ऊर्जा स्वराज यात्रा’ के लिए निकले।

भोपाल, 26 नवंबर (भाषा) आई.आई.टी मुंबई के प्रोफेसर डॉ. चेतन सिंह सोलंकी सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बृहस्पतिवार को भोपाल से 11 वर्षों के लिए समूचे देश की ‘ऊर्जा स्वराज यात्रा’ के लिए निकले।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां मिन्टो हाल से डॉ. सोलंकी के वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के प्रचार-प्रसार, जन जागरुकता एवं उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोफेसर सोलंकी को बृहस्पतिवार को प्रदेश का ब्रांड एम्बेसेडर बनाया। वह 31 दिसंबर 2023 तक मध्यप्रदेश के ब्रांड एम्बेसेडर रहेंगे।

सोलंकी की बृहस्पतिवार को शुरू हुई यह ‘ऊर्जा स्वराज यात्रा’ दिसम्बर 2030 तक चलेगी। इसका उद्देश्य जन-जन को सौर ऊर्जा के उपयोग और उसके महत्व से अवगत कराना है। यह यात्रा जलवायु परिवर्तन की दिशा में लोगों को सचेत करते हुए सौर ऊर्जा को एक समाधान के रूप में अपनाने के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है।

सोलंकी मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के रहने वाले हैं। वह गत 20 वर्ष से सौर ऊर्जा पर नवाचार और शोध कार्य कर रहे हैं। उनके इस नवाचार एवं शोध के लिए उन्हें विश्व की जानी मानी संस्था आई.ई.ई.ई. ने 10,000 डॉलर का पुरस्कार दिया है। इसके साथ ही उन्हें ‘नवोन्मेष के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार’ दिया जा चुका है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उनके कार्य को इसलिये भी सम्मान प्राप्त है क्योंकि उन्होंने ‘ऊर्जा स्वराज’ शब्द गढ़ा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने यहां मिन्टो हाल सभाकक्ष में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बिगड़ते पर्यावरण से समाज के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है। सौर ऊर्जा सहित अक्षय ऊर्जा के अन्य साधनों का उपयोग हमें इस खतरे से बचा सकता है। मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करके दिखायेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2010 में मध्यप्रदेश में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग बनाया गया। वर्ष 2012 में 400 मेगावॉट के सौर ऊर्जा उत्पादन के बाद वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा से 5,000 मेगावॉट उत्पादन तक हम पहुंच चुके हैं। वर्ष 2022 तक 10,000 मेगावाट उत्पादन का लक्ष्य है।’’
चौहान ने कहा कि सौर ऊर्जा को अधिक से अधिक लोकप्रिय बनाने के प्रयास किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के युवा प्रोफेसर सोलंकी जन-जागृति के लिये परिवार से दूर रहकर 11 वर्ष की ‘ऊर्जा स्वराज यात्रा’ पर निकले हैं। उनके प्रयासों में हमें भागीदार बनना होगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा है कि सौर ऊर्जा ‘प्योर, श्योर और सेक्योर’ (शुद्ध, निश्चित और सुरक्षित) है। इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं है। प्रत्येक नागरिक को प्रोफेसर सोलंकी का हृदय से अभिनन्दन करना चाहिये।

चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा को निरन्तर बढ़ाया जायेगा। अनेक जिलों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं का क्रियान्वयन होगा। सस्ती बिजली का लाभ नागरिकों को प्राप्त होगा।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ओंकारेश्वर में जलाशय पर सौर संयंत्र पैनल स्थापित होंगे।

चौहान ने कहा कि सौर ऊर्जा का उपयोग घरों में बढ़ाया जायेगा। उन्होंने प्रोफेसर सोलंकी द्वारा विकसित ऐसे घर को उपयोगी बताते हुए इसे बिजली पर दी जाने वाली करोड़ों रुपये की सब्सिडी की बचत का माध्यम भी बताया।


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