Edited By meena, Updated: 18 Oct, 2021 03:30 PM
आज देशभर में लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या व कृषि कानून बिल के विरोध में रेल रोको अभियान चलाया गया। इसका असर ग्वालियर में भी देखने को मिला जहां किसान संगठन और कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। सोमवार सुबह सभी किसान...
ग्वालियर(अंकुर जैन): आज देशभर में लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या व कृषि कानून बिल के विरोध में रेल रोको अभियान चलाया गया। इसका असर ग्वालियर में भी देखने को मिला जहां किसान संगठन और कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। सोमवार सुबह सभी किसान संगठन और कांग्रेस पार्टी के लोग फूलबाग चौराहे पर एकजुट हुए उसके बाद रैली के रूप में रेलवे स्टेशन की तरफ रवाना हुए। इस मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था और रास्ते में ही इन लोगों को गिरफ्तार कर दिया। भारी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने सभी कार्यकर्ताओं को पकड़कर चले गए।
पूरे देश भर के साथ-साथ ग्वालियर में भी आज किसी बिल के विरोध में रेल रोको आंदोलन था लेकिन ग्वालियर में लगातार हो रही बारिश के चलते इस आंदोलन में किसानों की भागीदारी कुछ ही संख्या में रही। ग्वालियर में किसान संगठनों की ट्रेनों को रोक कर विरोध करने की चेतावनी के बाद से ही रेलवे स्टेशन पर चाक चौबंद व्यवस्था कर दी गई है। स्टेशन पर जीआरपी आरपीएफ पुलिस बल ने स्टेशन और रेल की पटरी के आसपास गश्त बढ़ा दिया। रेलवे पुलिस पूरी तरह अलर्ट हो गई और किसी को भी बिना पूछताछ के अंदर नहीं जाने दिया इसके साथ ही रेलवे स्टेशन के साथ-साथ फूलबाग चौराहे पर पहले से ही भारी पुलिस बल मौजूद था लेकिन जिस तरीके से किसान संगठनों ने आगाह किया था।
उतनी ताकत वह आंदोलन में नहीं दिखा पाए। आंदोलन में केवल 1 सैकड़ा किसान ही नजर आए और फुलवा चौराहे से रेलवे स्टेशन की तरफ रवाना हुए। उनके साथ उनसे दुगनी संख्या में भारी पुलिस बल उनके साथ चला जैसे ही वे रानी लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर पहुंचे वहां पर भारी संख्या में तैनात पुलिस बल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जब आंदोलनकारियों ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने उन्हें जेल भिजवा दिया। किसान आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार और पुलिस की पूरी तरह से तानाशाही हो चुकी है। वह किसानों के आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है।