हम आग भी वहां लगाते हैं, जहां मुर्दा भी... बयान पर साध्वी प्रज्ञा पार्टी ऑफिस तलब, बाहर निकलते ही बदले सुर

Edited By meena, Updated: 13 Jun, 2022 03:47 PM

sadhvi pragya summoned to party office

आठ विधान सभा की जनता ने एक लोकसभा सांसद चुना इस जनता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन अवश्य करुंगी। और हां "हम आग भी वहां लगाते हैं जहां मुर्दा भी आग से डरते हैं।" सांसद संन्यासी।''

भोपाल(प्रतुल पाराशर): अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाली भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा एक बार फिर से एक ट्वीट को लेकर विवादों से घिर गई है। इस ट्वीट के बाद उन्हें बीजेपी कार्यालय तलब किया गया है। पार्टी कार्यालय से बाहर निकलकर साध्वी प्रज्ञा के सुर बदले नजर आए। अपनी सफाई में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मैंने जो कुछ भी कहा वह कांग्रेस के लिए कहा था। बीजेपी संगठन "शिरोधार्य"।, संगठन के फैसले सभी मिलकर करते हैं। मुझे संभागीय समिति में नहीं रखा गया, पार्टी अपने हिसाब से फैसला लेती है।

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दरअसल, नगरीय निकाय चुनावों को लेकर बीते हफ्ते संभागीय चयन समितियों का एलान किया था। इस सूची में हर संभाग से बड़े नेताओं और वहां के सांसद के नाम शामिल थे। लेकिन, भोपाल की संभागीय चयन समिति से स्थानीय सांसद प्रज्ञा सिंह का नाम नहीं था। चयन समिति में नाम नहीं आने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा था। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने एक ट्वीट में लिखा था कि, 'भाजपा द्वारा नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बनाई गई संभागवार चयन समिति में भोपाल संभाग से स्थानीय सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ही गायब?? BJP की ये कैसी मज़बूरी, साध्वी से कैसी दूरी..?? क्या ये सिर्फ "आग" लगाने के ही काम आती हैं??'

इधर पार्टी के इस फैसले पर साध्वी प्रज्ञा का गुस्सा देखने को मिला था। साध्वी प्रज्ञा ने रविवार को एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि हजारों प्रश्नों का एक उत्तर- चयन समिति में नाम न होना संगठन का निर्णय "शिरोधार्य"। किन्तु- आठ विधान सभा की जनता ने एक लोकसभा सांसद चुना इस जनता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन अवश्य करुंगी। और हां "हम आग भी वहां लगाते हैं जहां मुर्दा भी आग से डरते हैं।" सांसद संन्यासी।'

नुपुर शर्मा के समर्थन में भी दे चुकी है बयान..
इससे पहले भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने नुपुर शर्मा के विरोध में हो रहे प्रदर्शन और बवाल पर कहा था कि हम लोग मंदिर जाते हैं, गुरुद्वारे जाते हैं पूजा करते हैं तो मन में शांति होती है। यह लोग मस्जिदों से निकलकर आक्रमक हो जाते हैं। यह पूजा पद्धति ठीक नहीं हैं, जहां इस प्रकार के विचार दिए जाते हों। सनातन धर्म में कभी भी किसी पूजा पद्धति का विरोध नहीं किया, लेकिन दंगे फैलाना मानवता के लिए ठीक नहीं हैं। लेकिन शासन हालत सुधार देगा और अपराधियों को दंड दिया जाएगा। एक अन्य बयान में कहा था कि सच कहना बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं। मैं सत्य बोलने के लिए बदनाम हूं। उन्होंने ज्ञानवापी का नाम लिए बिना कहा कि यह एक सत्य है कि वहां शिव मंदिर था और है और रहेगा। उसे फव्वारा कहना गलत है। यह हमारे हिंदू देवी-देवता और सनातन धर्म पर कुठाराघात है।

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