Edited By Vikas Tiwari, Updated: 05 Sep, 2021 05:45 PM
संस्कारधानी जबलपुर में डेंगू के डंक ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। लेकिन इस कहर को रोकने के लिए हेल्थ सिस्टम ने अपने हाथ ऊपर कर लिए हैं। हाल यह है कि मरीजों को पलंग नसीब नहीं हो रहे हैं। जमीन पर बमुश्किल इलाज की जद्दोजहद में मरीज लेटे हुए है, उम्मीद...
जबलपुर (विवेक तिवारी): संस्कारधानी जबलपुर में डेंगू के डंक ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। लेकिन इस कहर को रोकने के लिए हेल्थ सिस्टम ने अपने हाथ ऊपर कर लिए हैं। हाल यह है कि मरीजों को पलंग नसीब नहीं हो रहे हैं। जमीन पर बमुश्किल इलाज की जद्दोजहद में मरीज लेटे हुए है, उम्मीद है इनको की इलाज मिल जाएगा। लेकिन यह कह पाना तय नहीं, कि इनको इलाज कब मिलेगा कारण साफ है। व्यवस्थाएं यहां कुछ नजर आ नही रही हैं, ये जो आप तस्वीरें देख रहे हैं। जबलपुर के शासकीय अस्पताल विक्टोरिया की है। जहां पर डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है पलंग मिल नहीं रहे, तो मरीज जमीन पर लेटे हुए है। ये करें भी तो करे क्या जब हेल्थ सिस्टम ही जबलपुर का डेड हो चुका है। तो इनको इलाज कैसे नसीब होगा।
जबलपुर शहर के तमाम निजी और सरकारी अस्पताल फुल हो चुके हैं। वही डेंगू के कहर का फायदा उठाने की निजी अस्पताल भरपूर कोशिश कर रहे है और फायदा उठा भी रहे हैं। शहर के कई निजी अस्पतालों पर आरोप लग रहे हैं कि वे डेंगू के इलाज के नाम पर लूट, खसोट कर रहे हैं यहां तक कि प्लेटलेट्स चेकअप के नाम पर लोगों का 15 से 20 हजार तक का बिल बनाया जा रहा है तमाम लोगों से टेस्ट के नाम पर भारी उगाही की जा रही है। डेंगू के मरीज और उनके परिजन निजी अस्पतालों पर खुल कर लूट खसोट करने का आरोप लगा रहे हैं। इधर डेंगू के मरीज सबसे ज्यादा पूर्व विधानसभा से जिला अस्पताल का रुख कर रहे है। जिसको लेकर पूर्व विधानसभा के लोग अपने जोन का घेराव कर नगर निगम अधिकारियों से दवा के छिड़काव के साथ-साफ सफाई करवाने की गुहार लगा रहे है। वहीं पूर्व विधानसभा के विधायक व पूर्व समाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया भी आंदोलन की योजना बना रहे है। अब देखना होगा आगे डेंगू से कैसे जंग जीती जा सकती है।