Edited By Prashar, Updated: 10 Aug, 2018 05:07 PM
मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में वीवीपीएटी वोटिंग मशीनों की औचक जांच का निर्देश निर्वाचन आयोग को देने की मांग करने वाली कांग्रेस नेता कमलनाथ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह सुनवाई करेगा। वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस के निर्वाचन आयुक्त से...
भोपाल : मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में वीवीपीएटी वोटिंग मशीनों की औचक जांच का निर्देश निर्वाचन आयोग को देने की मांग करने वाली कांग्रेस नेता कमलनाथ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह सुनवाई करेगा। वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस के निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात को तानाशाही सोच बताया है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष शुक्रवार को यह मामला आया। पीठ ने कहा कि इस पर सुनवाई अगले सप्ताह की जाएगी। कमलनाथ ने अपनी याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 10 प्रतिशत मतदान केन्द्रों पर ईवीएम में पड़े मतों का मिलान वीवीपीएटी मशीनों की पर्ची के साथ करने का निर्देश निर्वाचन आयोग को दिया जाए। उन्होंने मतदाता सूची भी लिखित प्रारूप में उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
वहीं, दूसरी तरफ कमलनाथ के निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात करने को भाजपा ने इसे कांग्रेस की तानाशाही सोच बताया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा है कि विधानसभा चुनाव में करारी हार की आशंका में कांग्रेस मतदाताओं को भी अस्तित्वहीन ठहरा सकती है। अब मुद्दाविहीन, लचरनेतृत्व, गुटीय संघर्ष में कांग्रेस दिशाहीन भी हो चुकी है, जब संवैधानिक व्यवस्था से निर्णय होता है तो उसे स्वीकारने की बजाय उस संस्था पर सवाल तानाशाही सोच को उजागर करता है। कमलनाथ, पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचोरी और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कल दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत से मुलाकात की थी। कांग्रेस ने प्रदेश में मतदाता सूची का फॉर्मेट बदलने की मांग की है।