ग्वालियर की तीन सीटों पर उपचुनाव, दाव पर सिंधिया, दिग्विजय और कमलनाथ की प्रतिष्ठा

Edited By meena, Updated: 02 Jun, 2020 01:24 PM

scindia digvijay and kamal nath on reputation claim in gwalior by election

मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के सत्ता में काबिज होने के बाद अब उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। लेकिन इससे अलग कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री...

ग्वालियर(अंकुर जैन): मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के सत्ता में काबिज होने के बाद अब उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर देखने को मिलेगी। लेकिन इससे अलग कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की प्रतिष्ठा कहीं दांव पर होगी। ग्वालियर जिले में तीन उपचुनाव विधानसभा के लिए होने हैं। इनमें ग्वालियर, डबरा और ग्वालियर पूर्व तीन सीटें शामिल है। ग्वालियर से पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके हैं। वहीं डबरा से इमरती देवी भी कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री थी।

PunjabKesari


ग्वालियर विधानसभा क्रमांक 15 निवर्तमान विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर तोमर ने बीजेपी के जयभान पवैया को करीब 21000 वोटों से हराया था। प्रद्युम्न तोमर अब अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं और वह ग्वालियर विधानसभा के बीजेपी के प्रबल दावेदार है। अपनी विशिष्ट कार्यशैली के कारण उन्हें ग्वालियर चंबल संभाग में जाना जाता है। कमलनाथ सरकार के दौरान अधिकारियों को दिए निर्देशों की अवहेलना पर वे खुद ही नाले में उतर कर सफाई अभियान में जुट गए थे। अपने धुर विरोधी जयभान पवैया से अब उन्हें परोक्ष रूप से कोई चुनौती नहीं है।

PunjabKesari

वहीं कांग्रेस के लिए योग्य प्रत्याशी का चुनाव करना किसी जोखिम से कम नहीं है। यहां सबसे ज्यादा कांग्रेस से दावेदारी सुनील शर्मा की मानी जा रही है जो एक समय ज्योतिरादित्य सिंधिया के नजदीकी रहे हैं लेकिन अब कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रद्युम्न तोमर को चुनौती देने के लिए तैयार है। इसके अलावा अशोक शर्मा भी यहां से अपनी दावेदारी जताते रहे हैं उन्हें सुरेश पचौरी का नजदीकी माना जाता है। वही आध्यात्मिक गुरु संत कृपाल सिंह भी ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर अपना भाग्य आजमा सकते हैं। इसके पीछे उन्हें क्षेत्र के सबसे ज्यादा निर्णायक वोटर यानी क्षत्रिय समाज के वोट के सहारे उन्हें अपनी वैतरणी पार होने का भरोसा है।
ग्वालियर विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 2.78 लाख है। इसमें सबसे ज्यादा 52 फ़ीसदी पिछड़ा वर्ग के वोटर हैं। जबकि 29 फ़ीसदी वोटर ब्राह्मण बनिया ठाकुर आदि है। व्यक्तिगत जाति के हिसाब से क्षत्रिय वोटर 35000 ब्राह्मण वोटर 30,000 कोरी 16000 मुसलमान 16 हजार जाटव 8000 कुशवाहा 15000 राठौर 12000 बाथम 11000 यादव कमरिया 7000 किरार यादव 10000 पंजाबी 4000 प्रजापति 7000 पाल बघेल 6000 प्रमुख है।

PunjabKesari


ग्वालियर पूर्व विधानसभा निवर्तमान विधायक मुन्ना लाल गोयल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सतीश सिकरवार को करीब 18 हजार मतों से शिकस्त दी थी। इस विधानसभा में कुल वोटर लगभग 314000 है। मुन्नालाल गोयल अब भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और ग्वालियर पूर्व के उपचुनाव में प्रबल दावेदार है। हालांकि इस सीट से बीजेपी नेता सतीश सिकरवार भी दम ठोक रहे हैं। लेकिन यदि उनके छोटे भाई नीटू सिकरवार को मुरैना या जोरा से पार्टी का टिकट मिलता है तो उनका दावा ग्वालियर पूर्व सीट पर नहीं रहेगा। कुछ लोग उनके कांग्रेस के टिकट पर भी ग्वालियर पूर्व से चुनाव लड़ने की संभावना जता रहे हैं। इसके उलट कांग्रेस में गोयल को चुनौती देने वाला फिलहाल कोई नहीं दिख रहा है। वैसे यह सीट परंपरागत बीजेपी की सीट मानी जाती है।

PunjabKesari

लोकसभा और विधानसभा लड़ चुके अशोक सिंह इस सीट पर कांग्रेस की ओर से दावेदार हो सकते हैं और वह दिग्विजय सिंह की पसंद है। इसके अलावा मौजूदा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा भी इस सीट पर अपना दावा जता रहे हैं। एक नाम जो सबसे ज्यादा चर्चा में है और गोयल को टक्कर दे सकता है उसमें बीजेपी की बागी प्रत्याशी रही पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता का नाम भी शामिल है। वह 2018 में अपने ही पार्टी के बड़े नेता नारायण सिंह कुशवाह की हार का प्रमुख कारण बनी थी। चर्चा है कि बीजेपी से बगावत करने के बाद उनके पास कांग्रेस में जाना आसान भी नहीं है।
 

PunjabKesari

ग्वालियर पूर्व में जातिगत आंकड़े इस प्रकार है करीब 30 हजार ब्राह्मण क्षत्रिय वोटर 28,000 एक लाख अन्य पिछड़ा वर्ग जिसमें गुर्जर बघेल यादव कुशवाहा भी शामिल है, आते हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति जनजाति वोटर 80000 वैश्य समुदाय 40 हजार सिंधी पंजाबी क्रिश्चियन 40000 मुस्लिम वोटर 7000 शामिल है। ग्वालियर की डबरा विधानसभा क्रमांक 19 निवर्तमान विधायक इमरती देवी सुमन 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के कप्तान सिंह सेहसारी को करीब 57 446 वोटों से हराया था। यह ग्वालियर चंबल संभाग में उनकी सबसे बड़ी जीत थी। अपनी विशिष्ट कार्यशैली और बेबाकी से अलग तरह की राजनीति करने वाली इमरती देवी सुमन लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीत चुकी है। डबरा विधानसभा क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। लेकिन अब वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं और बदले हुए माहौल में उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी को टक्कर देना है।

PunjabKesari

कांग्रेस की ओर से सबसे बड़ा नाम इस समय सुरेश राजे का चल रहा है। सुरेश राजे, इमरती देवी के दूर के रिश्तेदार भी बताए जाते हैं। जबकि इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी रही सत्य प्रकाश पडसेडिया को सिर्फ 3000 के आसपास मत मिले थे। खास बात यह भी है कि 2 अप्रैल की हिंसा के बाद बीजेपी से रुष्ट हुए दलित समाज के बड़े वोट बैंक का रुख आसानी से इमरती देवी की तरफ हो गया था। लेकिन इमरती के बीजेपी में जाने के बाद अब क्या समीकरण बनेंगे यह देखने वाली बात होगी। वैसे इस सीट से हाल ही में पूर्व मंत्री गोविंद सिंह से मुलाकात कर अपनी दावेदारी जता चुकी सत्यप्रकाशी पडसेडिया का भी नाम चल रहा है। वे पहले दो बार नगर पालिका अध्यक्ष रह चुकी है। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप के चलते उन पर चुनाव लड़ने पर 3 साल की रोक भी कोर्ट ने लगाई थी जो पूरी हो चुकी है।इस बार में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहती हैं।

PunjabKesari

वृंदावन कोरी का नाम भी कांग्रेस से प्रमुखता से डबरा विधानसभा सीट के लिए चल रहा है। सुरेश राजे दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। पहले भी बीजेपी में थे लेकिन पिछले चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी चर्चा है कि सुरेश राजे इस सुरक्षित सीट पर अच्छी पकड़ रखते हैं। इसलिए वे टक्कर देने की स्थिति में है। यहां कुल मतदाता संख्या 218000 है। जिसमें अनुसूचित जाति जनजाति के वोटर साठ हजार से ज्यादा है वही अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटर 75000 के आसपास हैं ब्राह्मण वोटर 20000 के आसपास है जबकि क्षत्रिय एवं सिंधी वोटर 10 हजार के करीब है। वैश्य समाज के वोटर भी 30 हजार से ऊपर बताए जाते हैं। जबकि मुसलमान वोटरों की संख्या 8000 के लगभग है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!