अवैध काल सेंटर संचालित कर अमेरिकियों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश, सात गिरफ्तार

Edited By kamal, Updated: 07 Sep, 2018 07:35 PM

seven arrests exposed of gangs smuggling americans operating illegal times

मध्यप्रदेश पुलिस की साइबर शाखा ने भोपाल में अवैध कॉल सेंटर चलाकर अमेरिकी नागरिकों से ‘लोन सेटलमेंट’ के नाम पर कथित तौर पर वित्तीय ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सात युवकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों से 12 लाख अमेरिकी नागरिकों...

भोपाल : मध्यप्रदेश पुलिस की साइबर शाखा ने भोपाल में अवैध कॉल सेंटर चलाकर अमेरिकी नागरिकों से ‘लोन सेटलमेंट’ के नाम पर कथित तौर पर वित्तीय ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सात युवकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों से 12 लाख अमेरिकी नागरिकों का व्यक्तिगत डेटा भी जप्त किया गया है। 
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विशेष पुलिस महानिदेशक (साइबर) अरुणा मोहनराव एवं साइबर अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां पत्रकार वार्ता में बताया कि इस मामले में अहमदाबाद निवासी तीन आरोपियों अभिषेक पाठक (22), वत्सल गांधी (25), एवं श्रवण कुमार मोर्य (19) तथा भोपाल निवासी चार आरोपियों रामपाल सिंह (29), फरहान खान (19), शुभम गीते (19) और सौरभ राजपूत (19) को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि साइबर थाना, भोपाल के दल ने कॉल सेंटर संचालक अभिषेक पाठक और उसके अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया जो अत्याधुनिक साइबर सॉफ्टवेयर प्लेटफार्म का उपयोग करके अमेरिकियों के मोबाइल नम्बर से उपलब्ध डेटा के आधार पर अमेरिकी नागरिकों के मोबाइल नंबर पर कॉल व टेक्स्ट मैसेज भेजकर कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर बकाया लोन ना चुका पाने पर गिरफ्तारी वारंट या कानूनी नोटिस देकर उनसे सेटलमेंट के नाम पर अवैध राशि वसूल करते थे। उन्होंने बताया कि ठगी की यह राशि बिटकॉइन वॉलेट या मनीग्राम के जरिए हासिल की जाती थी।

राव ने बताया कि अभिषेक ने अपने दोस्त रामपाल के साथ मिलकर भोपाल के इंद्रपुरी इलाके में कॉल सेंटर संचालित करने के लिए फ्लैट किराए पर लिया था। इस कॉल सेंटर पर फरहान, शुभम, सौरभ और श्रवण कुमार को मासिक वेतन पर टेक्स्ट मैसेज व मेल करने के लिए रखा गया था जो रात्रि शिफ्ट में अमेरिकी नागरिकों को मैसेज और मेल करते थे और वापस इसी नंबर पर संपर्क करने के लिए कहते थे। यदि किसी अमेरिकी नागरिक द्वारा डरकर वापस से संपर्क किया जाता था तो उसका कॉल रामपाल या अभिषेक को डाइवर्ट कर दिया जाता था जो अमेरिकी लहजे में धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलकर स्वयं को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोन सेटलमेंट करने के लिए कहते थे। यदि कोई सेटलमेंट के लिए तैयार हो जाता था तो उसे मनीग्राम या बिटकॉइन के जरिए किसी मनीग्राम होल्डर के खाते में अथवा स्वयं के बिटकॉइन वॉलेट में राशि ट्रांसफर करके ठगी की राशि प्राप्त कर ली जाती थी।

उन्होंने बताया कि पाठक द्वारा इंद्रपुरी के फ्लैट से यह काल सेंटर पिछले एक साल से संचालित किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि अभिषेक ने अमेरिकी नागरिकों का डेटा अहमदाबाद के वत्सल गांधी से खरीदा था। साइबर पुलिस के दल ने अहमदाबाद से गिरफ्तार कर उसके पास से कुल 12 लाख अमेरिकियों के डेटा जप्त किया है। राव ने बताया कि अभी तक की जानकारी के अनुसार इनके द्वारा लगभग 20 लाख रुपये की राशि अमेरिकी नागरिकों से ठगी की गई है। साइबर पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है। इसमें ठगी गई और राशि के संबंध में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
 

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