Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 15 Dec, 2018 04:22 PM
जिले के दर्जनों गांव फ्लोराईड की चपेट में आ चुके हैं। आजादी के कई साल बीत जाने के बाद भी सरकार शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में नाकाम रही है। लिहाजा लोग जहरीला पानी पीकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है।ताजा मामला हिनौता गांव की है। जहां जहरीला पानी पीने...
डिंडौरी: जिले के दर्जनों गांव फ्लोराईड की चपेट में आ चुके हैं। आजादी के कई साल बीत जाने के बाद भी सरकार शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में नाकाम रही है। लिहाजा लोग जहरीला पानी पीकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है।ताजा मामला हिनौता गांव की है। जहां जहरीला पानी पीने से लोग कई गंभीर बीमारियों के शिकार हुए हैं।
दरअसल जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर हिनौता गांव में पानी में फ्लोरईड की मात्रा अधिक है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है। बुजुर्ग हड्डियों के दर्द से और बच्चों और युवाओं के दांत सड़ गए हैं। साफ पानी की समस्या के चलते लोगों की बेटियों की शादी नहीं हो पा रही। गांव के लोगों का कहना है कि नेताजन भी गांव में साल में एक बार ही आते हैं और वो भी वोट मांगने।
गांव में पदस्थ शिक्षक ने बताया कि स्कूल परिसर में मात्र एक हैंडपंप है। उसमें भी फ्लोरईडयुक्त पानी आने के कारण लगभग 50 छात्र दांत व अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में है। इस संबंध में कई बार उच्च अधिकारियों को सूचित करने के बाद कोई कदम नहीं उठाया गया है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग के मुखिया अपने संबोधन में यह तो बता रहे हैं कि जहरीला पानी पीने से कौन-कौन सी बीमारियां होती है लेकिन शुद्ध पानी के लिए कोई कारगर कदम न उठा सके। वहीं जल ही जीवन है का अलापने वाले स्वस्थ्य यांत्रिकी विभाग भी गांव की पेयजल समस्या का कागजी खानापूर्ति के अलावा कोई समाधान न कर सके हैं।