Edited By suman, Updated: 16 Jul, 2018 10:58 AM
ग्वालियर : बेटियों को बचाने के सरकारी और सामाजिक किए जा रहे है। लेकिन इसके बावजूद भी बेटियों पर हो रहे अत्याचार पर रोक नहीं लग रही है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है ग्वालियर में। यहां हजीरा थाना क्षेत्र में झलकारी बाई कॉलेज के पास लोगों को कचरे के...
ग्वालियर : बेटियों को बचाने के लिए सरकारी और सामाजिक प्रयास किए जा रहे है। लेकिन इसके बावजूद भी बेटियों पर हो रहे अत्याचार पर रोक नहीं लग रही है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है ग्वालियर में। यहां हजीरा थाना क्षेत्र में झलकारी बाई कॉलेज के पास लोगों को कचरे के ढेर से नवजात के रोने की आवाज आई । खोजबीन के बाद कचरे के ढेर में बोरी और कपड़े में लिपटी नवजात का चेहरा दिखाई दिया।
उसको देखने से साफ लग रहा था कि कुछ घंटे पहले ही उसने दुनिया में आँख खोली थी। नवजात बच्ची को देखते ही लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तुरंत उसे मुरार के बाल एवं प्रसूतिग्रह में SNCU में भर्ती कराया। चौंकाने वाली बात यह है कि महज एक किलो 62 ग्राम की इस नवजात को जिस समय सबसे ज्यादा माँ के आंचल और दूध की जरूरत है उस समय वो अस्पताल में वेंटीलेटर पर जिन्दगी और मौत से जंग लड़ रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर मासूम को कचरे में फेंकने वालों की तलाश शुरू कर दी है