Edited By meena, Updated: 18 Apr, 2020 03:28 PM
मध्य प्रदेश के चौथी बार सीएम बने शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के गठन की कवायद तेज कर दी है। 20-21 अप्रैल को मंत्रिमंडल का गठन होने की संभावना जताई जा रही है। सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद प्रदेश में सत्ता का तखता...
भोपाल: मध्य प्रदेश के चौथी बार सीएम बने शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल के गठन की कवायद तेज कर दी है। 20-21 अप्रैल को मंत्रिमंडल का गठन होने की संभावना जताई जा रही है। सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद प्रदेश में सत्ता का तखता पलट हुआ और 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वहीं प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संकट के कारण वे मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पाए। जिसे लेकर वह विपक्ष के निशाने पर भी हैं। कोरोना संकट से निपटने के लिए शिवराज सिंह के पास न तो स्वास्थ्य मंत्री है और न ही गृहमंत्री यही वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में बिगड़ते हालातों को देखते हुए शिवराज सिंह पर कई निशाना साधा।
बताया जा रहा है कि आने वाला एक सप्ताह मध्य प्रदेश के कई नेताओं के लिए अहम हो सकता है। 20-21 अप्रैल को मंत्रिमंडल का गठन किया जा सकता है, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की राय को भी तवज्जो दी जा रही है। सिंधिया ने गुरुवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मंत्रिमंडल के गठन में सिंधिया समर्थक मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी, ये तय माना जा रहा है। 34 विधायकों को बनाया जा सकता है मंत्री मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में शिवराज मंत्रिमडंल का गठन सदस्यों की संख्या के मान के हिसाब से होगा जिसमें अधिकतम 15 प्रतिशत के अनुसार, मंत्रिमंडल में अधिकतम 35 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। इस आधारा पर अधिकतम 34 नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है, जिसमें सिंधिया समर्थक 9-10 मंत्रियों को ही शपथ दिलाई जा सकती है।