महाकाल को कमलनाथ के पत्र पर शिवराज का जवाब, सस्ते हथकंडे अपना रही कांग्रेस

Edited By kamal, Updated: 15 Jul, 2018 06:38 PM

shivraj s remarks on kamal nath s letter to mahakal

मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ उज्जैन स्थित भगवान महाकालेश्वर के नाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खुले पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आरोप लगाया कि ऐसे सस्ते हथकंडों के कारण ही कांग्रेस की सत्ता...

इंदौर : मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ उज्जैन स्थित भगवान महाकालेश्वर के नाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खुले पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि ऐसे सस्ते हथकंडों के कारण ही कांग्रेस की सत्ता चंद राज्यों तक सिमट गयी है।
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प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के 14 जुलाई से उज्जैन से शुरू हुए जन आशीर्वाद यात्रा शुरू होने से ठीक पहले कमलनाथ का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। महाकाल के नाम सोशल मीडिया पर वायरल कमलनाथ के इस पत्र में भगवान शंकर से प्रार्थना की गयी है कि वह शिवराज सरकार के कथित कुशासन से राज्य की जनता को मुक्ति दिलायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के मित्रों को मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला, तो उन्होंने भगवान महाकाल को मेरे खिलाफ चिट्ठी लिख दी। इन्हीं कारणों से कांग्रेस पंजाब और पुडुचेरी जैसे राज्यों तक सिमट गयी है।


उन्होंने कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि महाकाल महाराज पत्र लिखने भर से प्रसन्न नहीं होते। वह तब प्रसन्न होते हैं, जब कोई उनकी शरण में जाकर पूजा-अर्चना करता है। प्रदेश सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़कर 1.90 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने के कांग्रेस के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता नहीं जानते कि राज्य अपने विकास के लिये केंद्र सरकार के तय मापदंडों के मुताबिक कर्ज ले सकता है । हम विकास कार्यों की खातिर धन जुटाने के लिये अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकते।


इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस नेताओं के एकजुट होने के बारे में शिवराज ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर वह सचुमुच एकजुट हो गये हैं, तो उन्हें एकता यात्राओं और समन्वय सम्मेलनों का आयोजन करने की जरूरत क्यों पड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 में हमें बदहाल मध्यप्रदेश कांग्रेस से विरासत में मिला था। पिछले 15 साल में हमने राज्य को बीमारू राज्यों की सूची से बाहर निकालकर विकासशील प्रदेश बनाया।

अब हम मध्यप्रदेश को समृद्ध राज्य बनाने के वादे के साथ आगामी विधानसभा चुनावों में जनता का आशीर्वाद मांगेंगे। शिवराज ने एक सवाल के जवाब में कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के बुनियादी क्षेत्रों में प्रदेश में अभी बहुत कुछ ​किये जाने की जरूरत है।  

 

 

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