Edited By meena, Updated: 27 May, 2020 06:16 PM
जहां एक और पूरे देश में कोरोना का संकट काल छाया हुआ है और वही पूरे देश में चाहे पुलिस हो, पत्रकार हो या अन्य विभाग के कर्मचारी अधिकारी सभी लोग बड़ी शिद्दत से तन मन से लगे हुए हैं। ऐसे में लाजमी है कि बात करते समय झुंझलाहट आ जाए और शायद इसी वजह से...
लखनादौन(पवन डेहरिया): जहां एक और पूरे देश में कोरोना का संकट काल छाया हुआ है और वही पूरे देश में चाहे पुलिस हो, पत्रकार हो या अन्य विभाग के कर्मचारी अधिकारी सभी लोग बड़ी शिद्दत से तन मन से लगे हुए हैं। ऐसे में लाजमी है कि बात करते समय झुंझलाहट आ जाए और शायद इसी वजह से आदेगांव थाना प्रभारी ईश्वरी पटले बात करते समय भूल गए कि वह किस से बात कर रहे हैं और बातों ही बातों में पत्रकार को ही आधी रात को पत्रकारिता का पाठ पढ़ाने से भी बाज नहीं आए।
जानकारी के अनुसार, आदेगांव में एक स्थानीय पत्रकार को एक खेत पर बोरवेल मशीन द्वारा कराए जा रहे अवैध उत्खनन की सूचना प्राप्त हुई तो पत्रकार उसकी जानकारी लेने रात को ही खेत पहुंच गए और बोर कर रहे ऑपरेटर से परमिशन की जानकारी मांगी परमिशन ना देने पर पत्रकार द्वारा आदेगांव थाना प्रभारी ईश्वरी पटले को फोन लगाया गया। जहां थाना प्रभारी द्वारा उल्टा पत्रकार को ही नसीहत देने लग पड़े। थाना प्रभारी ने कहा कि यह काम मेरा नहीं है आप खनिज विभाग राजस्व विभाग को जानकारी दो मुझे सोना है और आप इतनी रात को कौन सी न्यूज़ बना रहे हो और इतना कहकर कॉल डिस्कनेक्ट कर देते हैं।
हालांकि मामला राजस्व और सिंचाई विभाग से संबंधित है किंतु यह थाना प्रभारी का भी दायित्व बनता है की भरी गर्मी में आखिर कौन सी परमिशन से यह बोर हो रहा है और सवाल यह भी उठता है कि जहां 43.45 डिग्री सेल्सियस का तापमान हो और पानी का जलस्तर धरती के रसातल में पहुंच गया हो तो उत्खनन की परमिशन कैसे दी जा सकती है। बस इसी की जानकारी पत्रकार संबंधित थाना प्रभारी को देना चाह रहे थे पर थाना में बैठे थाना प्रभारी ईश्वरी पटले उल्टा ही पत्रकार को सुनाने लगे जिससे साफ जाहिर होता है कि आदेगांव थाना प्रभारी को सिर्फ और सिर्फ उनका कानूनी विभाग पर ही कार्यवाही कर सकते हैं।