Edited By meena, Updated: 07 Apr, 2020 06:19 PM
कोरोना महामारी को लेकर पूरे देश मे दहशत है। जिन शहरों में महामारी के मरीज मिल रहे वहां हाल बेहाल हो रहे हैं। ऐसे में इंदौर शहर में रहने वाला एक युवक भूख प्यास और कोरोना से बचने के लिए बाइक में सवार होकर अपने घर रीवा लौट रहा था। जो कोरोना से बचने में...
सतना(फिरोज बागी): कोरोना महामारी को लेकर पूरे देश मे दहशत है। जिन शहरों में महामारी के मरीज मिल रहे वहां हाल बेहाल हो रहे हैं। ऐसे में इंदौर शहर में रहने वाला एक युवक भूख प्यास और कोरोना से बचने के लिए बाइक में सवार होकर अपने घर रीवा लौट रहा था। जो कोरोना से बचने में सफल तो हो गया, लेकिन रास्ते विदिशा के पास युवक को ट्रक ने कुचल दिया। आज युवक का शव सतना लाया गया जहां उसकी बहन ने अपने छोटे भाई को नम आंखों से मुखाग्नि दी और अपना फर्ज निभाया। लेकिन लॉकडाउन की वजह से एक मां अपने बेटे के अंतिम दर्शन भी न कर पाई।
बहन ने दी इकलौते भाई को मुखाग्नि
बहन भाई का प्यार दुनिया के लिए उदाहरण बन गया जब बहन ने अपने इकलौते भाई को मुखाग्नि दी। जिस हाथ से हर वर्ष भाई की कलाई में राखी बांधती थी और अपनी रक्षा का वचन मांगती थी आज उन्हीं हाथों ने भाई की चिता को आग दिखाई। दरअसल, रीवा शहर के मूल निवासी पुष्पेंद्र उर्फ शिवम इंदौर में एमबीए की पढ़ाई कर रहा था। वह विजयनगर इलाके में किराए के मकान में रहता था। कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश मे लॉक डाउन हो गया, कोरोना के मरीज बढ़ने के कारण इंदौर के हालात वेहद खराब हो गए। पुष्पेंद्र तक सरकारी मदद नहीं पहुंच पा रही थी। जमा पूंजी खत्म हो चुकी थी ऐसे में पुष्पेंद्र अपने एक साथी राहुल के साथ 4 अप्रैल को बाइक से अपने गाँव रीवा के लिए निकल पड़ा। विदिशा के पास सड़क किनारे बाइक खड़ी कर टायलेट के लिये खड़ा हुआ, तभी पीछे से आ रहे ट्रक ने उसे कुचल दिया। जिससे पुष्पेंद्र की घटना स्थल पर मौत हो गई।
पुष्पेंद्र के पिता सतीश वर्मा की मौत कई वर्ष पहले ही हो चुकी थी। ऐसे में पुलिस ने उसका शव सतना निवासी बहन प्रियंका को सौंपा दिया। आज सतना के नारायण तालाब मुक्तिधान में बहन ने अपने इकलौते भाई का अंतिम संस्कार किया। दुख की बात यह रही कि लॉकडाउन के कारण रीवा में रहने वाली पुष्पेंद्र की मां अपने इकलौते पुत्र के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाई। लॉक डाउन की बजह से कोई परिचित रीवा जा नहीं सका। ऐसे में पूरा फर्ज बहन ने ही निभाया।