Edited By suman, Updated: 29 Dec, 2018 10:09 AM
तीन दिन चले मंथन के बाद आखिरकार शुक्रवार रात मंत्रिमंडल के मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा हो ही गया। राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद सभी मंत्रियों को विभाग बांट दिए गए। अधिकांश को उनकी पसंद से उलट विभाग दिए गए हैं। कमलनाथ ने जनसंपर्क और तकनीकी...
भोपाल: तीन दिन चले मंथन के बाद आखिरकार शुक्रवार रात मंत्रिमंडल के मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा हो ही गया। राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद सभी मंत्रियों को विभाग बांट दिए गए। अधिकांश को उनकी पसंद से उलट विभाग दिए गए हैं। कमलनाथ ने जनसंपर्क और तकनीकी शिक्षा सहित 10 विभाग अपने पास रखे हैं । जबकि गृह विभाग बाला बच्चन को दिया गया। वहीं दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह को वित्त विभाग ना देकर नगरीय विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई। वित्त विभाग तरुण भनोट को दिया गया, जबकी दिग्विजय अपने बेटे को वित्त विभाग दिलवाना चाहते थे।
दरअसल, दिग्विजय अपने बेटे को वित्त विभाग की दिलवाना चाहते थे, लेकिन कुछ वरिष्ठ नेता इस पर राजी नहीं थे। जिसको लेकर ये लंबी खींचतान चलती रही। मामला दिल्ली दरबार पहुंचा और चर्चा की गई। बड़े नेताओं मानना था कि यदि वित्त जैसा विभाग जयवर्द्धन को दिया जाता है, तो पर्दे के पीछे दिग्विजय ही होंगे और उनके बेटे का कद कई वरिष्ठ नेताओं से ज्यादा बढ़ सकता है। जिसको लेकर अन्य नेता बगावत कर सकते है। ऐसे में मामला राहुल गांधी के पास पहुंचा। उन्होंने अहमद पटेल को इसे सुलझाने को कहा। पटेल व अन्य वरिष्ठ नेताओं से बातचीत के बाद जयवर्द्धन को नगरीय विकास एवं आवास विभाग देने पर सहमति बनी और फिर वित्त तरुण भनोट को दिया गया, जबकी पहले भनोट को नगरीय विकास दिया जाना तय हुआ था।