Edited By meena, Updated: 21 Aug, 2019 04:07 PM
बालाघाट में एक हैरान करने वाला वाक्य सामने आया है जहां एक कलयुगी पुत्र ने अपनी ही मां के पैरों में जंजीर बांध कर उसे कैद कर दिया। हालाकि जंजीर के बांधे जाने के बाद भी यह वृद्ध गांव में भ्रमण करती थी। पैरों में जंजीर बंधे होने के कारण यह चैपाए की तरह...
बालाघाट(हरीश हिलारे): बालाघाट में एक हैरान करने वाला वाक्य सामने आया है जहां एक कलयुगी पुत्र ने अपनी ही मां के पैरों में जंजीर बांध कर उसे कैद कर दिया। हालाकि जंजीर के बांधे जाने के बाद भी यह वृद्ध गांव में भ्रमण करती थी। पैरों में जंजीर बंधे होने के कारण यह चैपाए की तरह घूमी-फिरती थी। जिसके कारण उसे काफी तकलीफ होती थी। इस तकलीफ से वृद्ध को तीन वर्ष बाद आजादी मिल गई। यह आजादी किसी और ने नहीं बल्कि लांजी के एसडीओपी नितेश भार्गव ने दिलाई है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत बेलगांव निवासी कैतिन बाई उम्र 65 वर्ष को उसके पुत्र विनोद ने पिछले तीन वर्ष से पैरों में जंजीर बांधकर रखा गया था। जिसके कारण उसे चैपाए की तरह घूमना फिरना पड़ता था। इतना ही नहीं ढलती उम्र में वह चौपाए की तरह अपने पैरों और दोनों हा को टेककर चलती थी।
इस हालात से वृद्ध को तब आजादी मिली जब एक दिन लांजी एसडीओपी नितेश भार्गव भ्रमण पर थे तो उन्होंने इस वृद्ध को चौपाए की तरह चलते देखा। एसडीओपी ने तत्काल गाड़ी रोकी और वृद्ध के पैरों से जंजीरों को अलग किया। जानकारी के अनुसार, वृद्ध की मानसिक स्थिति ठीक भी ठीक नहीं है। उसके पुत्र मजदूरी का कार्य करते है। इसलिए उसके पुत्र ने उसे जंजीर से बांध कर रखते थे। फिलहाल एसडीओपीे के द्वारा एसडीएम से बात की गई है। वृद्ध महिला को जो भी शासकीय मदद मिल सकें उसके लिए प्रयास किए जा रहे है।