जिला अस्पताल में इलाज न मिलने से मरीज की मौत, जांच शुरू

Edited By suman, Updated: 13 Dec, 2018 11:51 AM

stomach patient starts treatment without getting

जिला अस्पताल में पेट दर्द से पीड़ित मरीज को 6 घंटे तक इलाज न मिलने के कारण उसकी मौत मेल वार्ड में 5 मार्च 2018 को हो गई थी। मामले की जांच 9 माह बाद भोपाल स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू की गई है। जांच विभाग ने छतरपुर सीएमएचओ को दी है। उन्होंने विस्तृत...

छतरपुर: जिला अस्पताल में पेट दर्द से पीड़ित मरीज को 6 घंटे तक इलाज न मिलने के कारण उसकी मौत मेल वार्ड में 5 मार्च 2018 को हो गई थी। मामले की जांच 9 माह बाद भोपाल स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू की गई है। जांच विभाग ने छतरपुर सीएमएचओ को दी है। उन्होंने विस्तृत जांच करने जिला अस्पताल आरएमओ व पूर्व सीएस को अधिकृत किया है। 

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मिली जानकारी के अनुसार जांच अधिकारी ने बुधवार दोपहर जिला अस्पताल के दो डॉक्टरों और तत्कालीन वार्ड प्रभारी को नोटिस जारी किए हैं। राजनगर क्षेत्र में मनियां गांव के किस्सू पिता छोटे लाल यादव उम्र 40 वर्ष को पेट दर्द से भर्ती होने के बाद 6 घंटे तक इलाज नहीं मिला और 5 मार्च  सोमवार को उसकी मौत हो गई। 9 माह बाद स्वास्थ्य विभाग के भोपाल आयुक्त द्वारा इस मामले की जांच शुरू की गई है। इस मामले में भोपाल आयुक्त ने छतरपुर सीएमएचओ डॉ वीएस वाजपेयी को पत्र भेज कर जांच करने का आदेश दिया है। सीएमएचओ ने इस मामले की जांच पूर्व सीएस डाॅ. एमके प्रजापति और जिला अस्पताल के अारएमओ डॉ. आरपी गुप्ता को साैंपी है। जांच अधिकारी डाॅ. प्रजापति ने बुधवार की दोपहर इमरजेंसी ड्यूटी पर नियुक्त डॉ. अभय सिंह, उस दिन कॉल ड्यूटी पर मौजूद सर्जन डॉ. वीपी शेषा और तत्कालीन मेल वार्ड प्रभारी को पत्र लिखकर गुरुवार काे जवाब देने के लिए कहा है। 

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ये है  पूरा मा मामला
राजनगर क्षेत्र में मनियां गांव के किस्सू पिता छोटे लाल यादव उम्र 40 वर्ष की पेट दर्द के कारण 5 मार्च 18 दिन सोमवार की सुबह अचानक तबियत बिगड़ गई। हालात अधिक खराब होने पर चाचा और चचेरे भाई ने किस्सू को उसी दिन की सुबह 5 बजे जिला अस्पताल के इमरजेंसी ड्यूटी पर नियुक्त डॉ. अभय सिंह ने शुरुआती जांच कराने के बाद इलाज के लिए मेल वार्ड में भर्ती कराया।

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मरीज की हालत अधिक गंभीर होने पर मेल वार्ड के स्टाफ और ड्यूटी डॉक्टर ने कॉल ड्यूटी पर मौजूद सर्जन डॉ. वीपी शेषा को कॉल लिखा। अस्पताल का एक कर्मचारी वाहन लेकर डॉक्टर को लेने के लिए उनके घर पहुंचा। लेकिन उन्होंने कुछ समय बाद आने की बात कहते हुए कर्मचारी को लौटा दिया। सुबह 6 बजे मरीज के पेट में अधिक दर्द होने के कारण परिजन उसे डॉ. शेषा के घर पर लेकर पहुंचे। घर पर मौजूद कर्मचारियों ने डॉक्टर को मरीज के आने की खबर दिए बगैर ही लौटा दिया। साथ ही मरीज को कुछ समय बात अस्पताल पहुंचकर देखने की बात कह कर अस्पताल के वार्ड में ही भर्ती रहने को कहा। इसके बाद भी डॉ. शेषा उसे देखने के लिए पहुंचे तो उसकी 11 बजे मौत हो गई। 
 

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