Edited By suman, Updated: 23 Jun, 2018 01:27 PM
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नमो एप से मध्यप्रदेश के किसानों का दुख दर्द बांट रहे हैं तो दूसरी तरफ शिवराज सिंह चौहान खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी बताते नहीं थकते।
देवास: एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नमो एप से मध्यप्रदेश के किसानों का दुख दर्द बांट रहे हैं, तो दूसरी तरफ शिवराज सिंह चौहान खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी बताते नहीं थकते। लेकिन इन दोनों की नजर देवास के इस बदहाल किसान पर नहीं पड़ी। देवास जिले के खातेगांव तहसील मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर, गांव पुरोनी में धूल सिंह अपने परिवार के साथ दिन काट रहा है। शासन ने उसके जो मजाक किया वह सबसे ज्यादा चौंकाने वाला है। सरकार ने उसे पथरीली जमीन दी है। इसी जमीन पर यह किसान परिवार बैलों की जगह खुद तिफन खींचकर खेती का कार्य करता है। इस गांव में धूल सिंह ही नहीं बल्कि आधा दर्जन से अधिक परिवारों की यही कहानी है।
विज्ञान के इस युग में जब खेती के अनेक आधुनिक तरीके निकल गए हैं। शायद यहां विज्ञान ने रोशनी नहीं पहुंच सकी है। ऐसी स्थिति में गरीब किसान के पास दो बैल भी नहीं है जो जिन्हें तिफन में जोत कर खेती का काम सकें और ना ही उसके पास इतने पैसे कि वह ट्रैक्टर से अपने खेत की बखरनी करा सके। धूल सिंह ने बताया कि परिवार में 7 सदस्य जिसमें बेटा हीरा और वो खुद तिफन मे जुतकर खेत मे बोहनी करता है। उसका छोटा बेटा तिफन पर बैठता है, पत्नी तिफन से बोहनी करती है।