Edited By suman, Updated: 22 Jun, 2018 07:17 PM
मंत्रालय बदलने के बाद अधिकारी नए मंत्री को पहले से स्वीकृत कार्यों की जानकारी तक नहीं देते हैं। मंत्रियों को पहले से स्वीकृत कार्यों की जानकारी न होने से पुराने कार्य अटके रहते हैं।
सागर: मंत्रालय बदलने के बाद अधिकारी नए मंत्री को पहले से स्वीकृत कार्यों की जानकारी तक नहीं देते हैं। मंत्रियों को पहले से स्वीकृत कार्यों की जानकारी न होने से पुराने कार्य अटके रहते हैं। ऐसा ही एक मामला है शहर में दो साल पहले स्वीकृत आईटी पार्क का। प्रदेश के आईटी मंत्री उमाशंकर गुप्ता से शहर में बनने वाले आईटी पार्क में हो रही देरी का सवाल पूछा, तो मंत्री को आईटी पार्क स्वीकृत होने की जानकारी तक नहीं थीं, जबकि शहर में आईटी पार्क के लिए 10 एकड़ जमीन तक आवंटित हो चुकी है। वर्ष 2016 में तत्कालीन आईटी मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सागर में आईटी पार्क स्वीकृत किया था। वर्तमान में आईटी मंत्रालय उमाशंकर गुप्ता के पास है और वे सागर जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं।
स्थानीय स्तर से नहीं हो रहे प्रयास
आईटी पार्क बनने में हो रही देरी के पीछे स्थानीय स्तर से प्रयास न होना भी एक मुख्य वजह है। आईटी पार्क स्वीकृत होने के बाद पिछले दो सालों में शहर विधायक ने भोपाल जाकर आईटी मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के एमडी से चर्चा कर पार्क का प्रोजेक्ट जल्द तैयार करवाने के लिये ज्यादा प्रयास नहीं किए। स्थानीय स्तर से प्रयास न होने से भोपाल में बैठे मंत्री और अधिकारियों ने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया।